
रविवार को क्यों खुला मंत्रालय
रायपुर। रविवार को क्यों खुला मंत्रालय : हद हो गई, प्राइवेट कल -कारखानों को तो रविवार को खुलते सुना और देखा भी था। इस बार छत्तीसगढ़ मंत्रालय भी रविवार को खुला हुआ है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने मंत्रियों की बैठक ले रहे हैं। पंचायत-निकाय चुनाव से पहले होने वाली इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
इसमें महतारी वंदन के हितग्राहियों के लिए नए सिरे से आवेदन, गरीब वर्ग की महिलाओं के लिए कम दाम में सिलेंडर, मजदूरों को 10 हजार रुपये सालाना देने की योजना सहित अन्य एजेंडाें पर मुहर लग सकती है।
रविवार को क्यों खुला मंत्रालय : मंत्रिपरिषद की बैठक में क्या हो सकता है ख़ास
राज्य सरकार ने 24 फरवरी से 21 मार्च तक बजट सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने विधानसभा को प्रस्ताव भेज दिया है। हालांकि विधानसभा से इस संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है, मगर ये तो तय हैं
कि मार्च के पहले सप्ताह में राज्य का अगला बजट जारी किया जाएगा। लिहाजा, अटकलें लगाई जा रही हैं कि बजट सत्र के पहले ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में क्या ख़ास
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी मंत्रालय में मौजूद होंगे। आचार संहिता लगने से पहले राज्य सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है। आचार संहिता लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार कोई बड़े फैसले नहीं कर पाएगी और न ही कोई बड़ी घोषणा कर पाएगी।
रविवार को क्यों खुला मंत्रालय
कहां -कहां होगा चुनाव
प्रदेश के 14 नगर निगम में से 10 निगम, 54 नगर पालिका में से 47 पालिकाओं और 124 नगर पंचायतों में से 95 पंचायतों में चुनाव होगा। इसके अलावा प्रदेश के 11,669 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा।
इस बार पांच नगर निगमों में महिला महापौर चुनीं जाएंगी। इनमें रायपुर, कोरबा और बीरगांव में सामान्य वर्ग की महिलाएं चुनाव लड़ सकेंगी। जबकि रिसाली में अनुसूचित जाति और दुर्ग में अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला को महापौर के लिए चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
इसी तरह भिलाई और भिलाई-चरोदा तथा बिलासपुर नगर निगम अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। जबकि जगदलपुर, चिरमिरी को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। तो वहीं रायगढ़ नगर निगम अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। अंबिकापुर नगर निगम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।
कौन चुनेगा महापौर
इस बार महापौर का चुनाव सीधे राज्य की जनता करेगी। वहीं वर्ष 2019 में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने महापौर चुनने का पॉवर पार्षदों को दे दी थी।
कहां चुनाव होगा दिसंबर
14 नगर निगमों में से केवल 10 निगमों में ही चुनाव होंगे। रिसाली, भिलाई, बीरगांव और भिलाई-चरोदा निगम में अभी चुनाव नहीं होंगे, क्योंकि इन निगमों का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा हो रहा है।