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पेंड्रा। दिव्यांग कौन प्रशासन मौन : GPM जिले के टीकापानी गांव की दिव्यांग बच्ची को शासन की और से मिलाने वाली सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। गरीब बालिका का आधार कार्ड तक नहीं बना है। इसके कारण तमाम सरकारी सुविधाएं उसे नहीं मिल पा रही हैं। बच्ची विशेष पिछड़ी जनजाति धनुहार समुदाय से आती है। अब लोग पूछ रहे हैं कि दिव्यांग कौन ? इस पर प्रशासन मौन है।
दिव्यांग कौन प्रशासन मौन : जानें पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला मरवाही जिले के ग्राम नाका के टिपकापानी मोहल्ले का बताया जा रहा है। जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष पिछड़ी जनजाति के अंतर्गत आने वाला धनुहार समुदाय रहता है। इसी मोहल्ले में बुंदु लाल सपरिवार भी रहता है। उसकी नौ साल की बेटी छोटीबाई भी उसी के साथ रहती है। बच्ची ने पहली कक्षा तक की पढाई भी की है। इसके बाद उसकी तबीयत ठीक नहीं रहने की वजह से उसे स्कूल भेजना बंद कर दिया गया। अक्सर स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण बच्ची के परिजन उसे इस जगह से उस जगह इलाज के लिए ले जाते रहते हैं।
सरकारी योजनाओं का नहीं मिलता लाभ
बुंदू लाल की मानें तो उसकी दिव्यांग बेटी को किसी भी प्रकार की कोई शासकीय सहायता नहीं मिलती है।
इलाज के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और बच्ची को स्कूल जाना बंद करना पड़ा। ये बच्ची अभी दिव्यांग की जिंदगी गुजर रही है। दिव्यांगता के कारण छोटीबाई का आधारकार्ड भी अभी तक नहीं बन सका है। आधार कार्ड नहीं होने के कारण उसकी दिव्यांग बेटी को कोई भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इस बुनियादी सवाल का जवाब भी बुनियादी ही है-दिव्यांग कौन प्रशासन मौन।
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