
When the principal retired, the in-charge principal played the game: spent the school's money on himself, know how
राजनांदगांव। प्राचार्य रिटायर तो प्रभारी प्राचार्य ने कर दिया खेला : इसी को कहते हैं मौका देख कर चौका मारना। स्कूल के प्राचार्य रिटायर क्या हुए प्रभारी प्राचार्य ने खेला कर दिया। इस खेला का खुलासा तब हुआ जब प्रभारी प्राचार्य छुट्टी पर गए थे। इस मामले को लेकर प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ कराई गई है। प्रभारी प्राचार्य के निलंबन का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
प्राचार्य के रिटायर होने के बाद प्रभारी प्राचार्य ने स्कूल में वित्तीय अनियमितता की। प्रभारी प्राचार्य की छुट्टी में जाने के बाद मामले में खुलासा हुआ और डोंगरगांव खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ अपराध दर्ज करवाया है। मामले में प्रभारी प्राचार्य के निलंबन का भी प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच की भी अनुशंसा की गई है।
प्राचार्य रिटायर तो प्रभारी प्राचार्य ने कर दिया खेला : जानें पूरा मामला
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ राजनांदगांव के डोंगरगांव ब्लॉक स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहड़ स्कूल के प्राचार्य के रिटायर्ड होने के बाद दौलत राम आचले को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था। उन्होंने ही स्कूल में खर्च किए जाने वाले विभिन्न फंड का दुरुपयोग किया। इस सन्दर्भ में लोकल फंड अधिकारी को अंधेरे में रखते हुए उन्होंने कई तरह के सामानों की खरीदी की, लेकिन स्कूल में भौतिक सत्यापन करने पर इस तरह का कोई सामान नहीं मिला। इसी प्रकार कायदे -क़ानून को ठेंगा दिखाकर उन्होंने साढ़े पांच लाख रुपए की राशि खुद पर खर्च कर ली।
कैसे हुआ मामले का पर्दाफाश
दरअसल दौलत राम आचले कुछ कारणों के चलते लंबे समय तक छुट्टी पर थे । इस दौरान वहां के शिक्षक चुम्मन साहू को प्रभार दिया गया था।
इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल ने बताया कि जब प्रभारी प्राचार्य दौलत राम आचले के अवकाश पर जाने पर अन्य शिक्षक प्रभार में थे, इस दौरान प्राचार्य के किए गए कार्यों को समझा, परखा तो उन्हें भ्रष्टाचार का अंदाजा लगा , उन्होंने तत्काल ही मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की। इसके बाद हुई जांच में इस मामले का खुलासा हुआ।