
Waqf Amendment Act 2025
Waqf Amendment Act 2025: नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को अब औपचारिक रूप से कानून का दर्जा मिल गया है। लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद शनिवार, 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर अपनी सहमति दे दी। इसे अब ‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025’ के नाम से जाना जाएगा। यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पंजीकरण और वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता व जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
Waqf Amendment Act 2025: वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025: क्या हैं नए बदलाव?
नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में सख्ती लाई गई है। अब कोई भी वक्फ संपत्ति बिना लिखित दस्तावेज के दर्ज नहीं होगी। सरकारी या विवादित जमीनों को वक्फ संपत्ति के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। ऐसी जमीनों की जांच का अधिकार अब जिला कलेक्टर को दिया गया है। इसके अलावा, अगले छह महीनों के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण एक ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।
Waqf Amendment Act 2025: वक्फ बोर्ड में नए प्रावधान
सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और असली मालिकों के हितों की रक्षा करेगा। बोहरा और अघाखानी समुदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान जोड़ा गया है। वक्फ बोर्ड में अब गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाओं की नियुक्ति भी होगी, जिससे समावेशिता बढ़ेगी। साथ ही, वक्फ संपत्तियों के सर्वे की जिम्मेदारी अब सर्वे कमिश्नर के बजाय कलेक्टर को सौंपी गई है।
Waqf Amendment Act 2025: ऐतिहासिक कदम: जगदंबिका पाल
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इसे एक ऐतिहासिक कानून बताया। उन्होंने कहा, “सेना और रेलवे से भी ज्यादा संपत्ति वक्फ के पास है। इस कानून से गरीब और पसमांदा मुसलमानों को लाभ होगा। कुछ लोग अभी भी इसे लेकर भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन इसमें सच्चर कमेटी की सिफारिशों को भी शामिल किया गया है।”
Waqf Amendment Act 2025: पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
नया वक्फ कानून संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है। सरकार का मानना है कि यह कदम वक्फ व्यवस्था को और मजबूत करेगा, साथ ही समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ पहुंचेगा। यह कानून लागू होने के साथ ही वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को कम करने में भी मदद मिलने की उम्मीद है।