
Virat Kohli : Operation Sindoor के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल घई विराट कोहली के रिटायरमेंट पर क्या बोले, देखें Video
Virat Kohli : स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा ने पूरे देश को भावुक कर दिया है। खेल जगत से लेकर सेना और आम जनता तक, हर वर्ग में इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कोहली के खेल और नेतृत्व को लेकर जहां हर तरफ सराहना हो रही है, वहीं सोमवार को सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भी अपनी भावनाएं साझा कीं।
Virat Kohli : एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब लेफ्टिनेंट जनरल घई, वायुसेना और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ देश की सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे, तभी उन्होंने विराट कोहली के संन्यास पर व्यक्तिगत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “वह मेरे सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी बल्लेबाजी की शैली, मानसिक दृढ़ता और मैदान पर जुनून असाधारण था। उनके जैसा खिलाड़ी बार-बार नहीं आता।”
Virat Kohli : DGMO ने क्रिकेट को देश की रक्षा रणनीतियों से जोड़ते हुए 1970 के दशक की एक मशहूर ऑस्ट्रेलियाई कहावत का भी उल्लेख किया, “राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली तुम्हें पकड़ लेगा।” उन्होंने इसे रणनीति की बहुस्तरीयता के संदर्भ में समझाया और कहा कि जैसे क्रिकेट में हर चाल के पीछे सोच होती है, वैसे ही देश की सुरक्षा में भी गहराई और योजना जरूरी होती है।
Virat Kohli : विराट कोहली ने रविवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट के जरिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “14 साल पहले जब मैंने पहली बार बैगी ब्लू कैप पहनी थी, तब से यह सफर मुझे गढ़ता गया। इसने मुझे परखा, सिखाया और मजबूत बनाया। यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन अब समय आ गया है कि मैं यह अध्याय बंद करूं।”
Virat Kohli : कोहली का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। टेस्ट कैप #269 के रूप में उन्होंने जिस जुनून और समर्पण से भारत का प्रतिनिधित्व किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा। भारतीय सेना के DGMO की ओर से आई यह प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि कोहली का प्रभाव सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने पूरे देश को अपनी खेल भावना, अनुशासन और नेतृत्व से प्रेरित किया।
Virat Kohli : उनका यह फैसला जहां खेलप्रेमियों के लिए एक भावनात्मक क्षण है, वहीं उनके योगदान को सलाम करने वालों की सूची में अब भारतीय सेना भी शामिल हो गई है।