
Vikramotsav 2025: दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित भव्य महानाट्य का आयोजन...
नई दिल्ली : Vikramotsav 2025: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 12 से 14 अप्रैल 2025 तक सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित एक भव्य महानाट्य का मंचन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक कलाकार भाग लेंगे और यह सम्राट विक्रमादित्य के जीवन, उनके शासन और महान कार्यों को दर्शाने का एक अद्वितीय प्रयास होगा। इस आयोजन का उद्देश्य विक्रमादित्य के न्यायप्रियता, शौर्य और पराक्रम को उजागर करना है।
Vikramotsav 2025: विक्रमोत्सव 2025 का आयोजन
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ‘विक्रमोत्सव 2025’ के तहत यह नाट्य कार्यक्रम भारतीय इतिहास और संस्कृति को जीवंत करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान विक्रमादित्य कालीन मुद्राओं और मुद्राकों की प्रदर्शनी समेत कई अन्य आकर्षक प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी, जो दर्शकों को विक्रमादित्य के समय की ऐतिहासिक धरोहर से परिचित कराएंगी।
Vikramotsav 2025: कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत 11 अप्रैल को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में सम्राट विक्रमादित्य की शोभा यात्रा से होगी। यह यात्रा फतेहपुरी से लेकर चांदनी चौक और फिर लाल किले तक जाएगी। इसके बाद, 12 से 14 अप्रैल तक लाल किले के माधव दास पार्क में विक्रमादित्य महानाट्य का भव्य मंचन किया जाएगा, जिसमें सम्राट विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की गाथाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
Vikramotsav 2025: विशेषताएँ
इस महानाट्य का लेखन पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने किया है, जबकि निर्देशन संजीव मालवीय का है। 250 कलाकार इस नाट्य में अपनी प्रस्तुति देंगे। नाट्य में विशेष रूप से पालकी, रथ, घोड़े और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट्स का प्रयोग किया जाएगा, जो दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव देंगे।
Vikramotsav 2025: प्रदर्शनियाँ और भोजन महोत्सव
इस कार्यक्रम के दौरान विक्रमादित्य कालीन मुद्राओं और मुद्रांक की प्रदर्शनी के अलावा, आर्ष भारत प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारतीय ऋषि-वैज्ञानिक परंपरा पर आधारित जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश के विकास, पर्यटन और उद्योग से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी।
दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा एक फूड कोर्ट भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें दर्शक प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। इसमें बुंदेलखंडी निमोना, मालवा की कॉर्न पेटिस, इंदौरी पोहा, विंध्य की इंद्रहर-कढ़ी-भात और कई अन्य विशिष्ट पकवान शामिल होंगे। साथ ही, प्रसिद्ध मिष्ठान जैसे मावा बाटी, जलेबी, और श्रीअन्न व्यंजन जैसे कोदो भात, कुटकी गुड़ खीर, और सवां खीर भी मेनू में होंगे।
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