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आज देशभर में वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है। इस खास दिन पर गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों, जोरावर सिंह और फतेह सिंह, की वीरता और बलिदान को याद किया गया। मात्र 6 और 9 साल की उम्र में अपने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन महान वीर बालकों की शहादत को समर्पित इस दिवस पर पूरे देश में आयोजन किए जा रहे हैं।
साहिबजादों की याद में संगोष्ठी का आयोजन
इस अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय प्रचारक आदरणीय प्रेम शंकर सिदार ने अपने प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किए। उनके उद्बोधन ने देशभक्ति और साहिबजादों की वीरता के प्रति सम्मान को और भी गहरा कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया जिन्होंने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित कर साहिबजादों की शहादत को आने वाली पीढ़ियों के लिए स्मरणीय बना दिया।सीएम विष्णु देव साय की बड़ी घोषणा
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साहिबजादों की वीरता को सम्मानित करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैं घोषणा करता हूं कि साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह की कहानी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।” सीएम साय ने अपने संबोधन में कहा कि साहिबजादों का जीवन हर नागरिक के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी वीरभूमि पर कोई बुरी नजर नहीं डाल सकता, जहां साहिबजादों जैसे सपूत जन्म लेते हैं।समरसता और देशभक्ति का संदेश
सीएम साय ने प्रदेश को समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण बताते हुए कहा कि हमें साहिबजादों की वीरता और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने गुरुद्वारों में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “भारत माता की सेवा के लिए हर नागरिक को संकल्प लेना चाहिए और अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”साहिबजादों की शहादत से प्रेरणा
गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे हमें सिखाते हैं कि धर्म और देश की रक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में झुकना नहीं चाहिए। उनकी कहानियां न केवल बच्चों बल्कि हर पीढ़ी को देशभक्ति और वीरता का पाठ पढ़ाती रहेंगी।वीर बाल दिवस के इस अवसर पर पूरे प्रदेश में साहिबजादों की शहादत को नमन किया गया। उनकी गाथाएं आने वाले समय में बच्चों को प्रेरित करेंगी और उनके जीवन में देशभक्ति के बीज बोएंगी।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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