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Uttarakhand News : देहरादून। उत्तराखंड के दून विश्वविद्यालय में जल्द ही हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना होने जा रही है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के बाद यह देश का दूसरा प्रमुख हिंदू अध्ययन केंद्र होगा। इस केंद्र के माध्यम से वेद, पुराण, भारतीय दर्शन, और सनातन परंपराओं का व्यवस्थित अध्ययन कराया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देहरादून सचिवालय में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें केंद्र की स्थापना से जुड़े दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
Uttarakhand News : भारतीय संस्कृति का संरक्षण और प्रसार
हिंदू अध्ययन केंद्र का मुख्य उद्देश्य भारतीय आध्यात्मिक, दार्शनिक, और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करना, उनका विश्लेषण करना, और वैश्विक स्तर पर उनका प्रसार करना है। यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप स्थापित किया जाएगा, जो भारतीय ज्ञान परंपराओं को बढ़ावा देने पर जोर देती है। उच्च शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र की स्थापना से संबंधित सभी औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि यह परियोजना जल्द शुरू हो सके।
Uttarakhand News : सनातन संस्कृति से रूबरू होंगे छात्र
दून विश्वविद्यालय में इस केंद्र के तहत 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को तत्व विमर्श, धर्म और कर्म विमर्श, वाद परंपरा, रामायण, महाभारत, और अन्य सनातन वैदिक विषयों का अध्ययन कराया जाएगा। पाठ्यक्रम का उद्देश्य हिंदू रीति-रिवाजों, सनातन परंपराओं, और वेदों को सरल और आधुनिक भाषा में समझाना है ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।
Uttarakhand News : भारतीय दर्शन को बढ़ावा
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “हिंदू अध्ययन केंद्र के माध्यम से हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को न केवल संरक्षित किया जाएगा, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र युवाओं को भारतीय दर्शन और परंपराओं की गहरी समझ प्रदान करेगा।” उन्होंने बताया कि यह केंद्र न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता और गौरव को बढ़ाने में भी योगदान देगा।
Uttarakhand News : BHU के बाद दूसरा बड़ा कदम
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पहले से ही हिंदू अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र संचालित हो रहा है। दून विश्वविद्यालय में इस केंद्र की स्थापना के साथ उत्तराखंड देश में भारतीय दर्शन और सनातन संस्कृति के अध्ययन का एक और महत्वपूर्ण गढ़ बनने जा रहा है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परंपराओं को पुनर्जनन और प्रचार-प्रसार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।