अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालते ही कई अहम फैसले लिए, जिनका वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। ट्रंप ने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और पेरिस जलवायु समझौते से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही प्रवासी नीतियों और चीन को लेकर भी सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।
ट्रंप के बड़े फैसले:
- WHO से अमेरिका बाहर:
ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका के हितों के खिलाफ बताते हुए उससे हटने का फैसला किया। - पेरिस जलवायु समझौते से अलगाव:
जलवायु परिवर्तन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए पेरिस समझौते से भी अमेरिका को अलग कर दिया गया है। ट्रंप का मानना है कि यह समझौता अमेरिका के उद्योगों के खिलाफ है। - प्रवासी नीति पर सख्ती:
ट्रंप ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अवैध प्रवास रोकने के लिए सीमाओं को सुरक्षित किया जाएगा। - चीन पर सख्त रुख:
ट्रंप प्रशासन ने चीन को लेकर आर्थिक और सुरक्षा मामलों में सख्त नीति अपनाने का फैसला किया है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभाव डाल सकता है।
भारत पर संभावित असर:
- आर्थिक प्रभाव:
- अमेरिका का WHO से बाहर होना भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रभावित कर सकता है।
- पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के बाहर होने का असर भारत के हरित ऊर्जा प्रयासों पर भी पड़ सकता है।
- प्रवासी भारतीयों पर असर:
अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों, खासकर एच-1बी वीजा धारकों, को ट्रंप की सख्त प्रवासी नीति का सामना करना पड़ सकता है। - चीन पर सख्ती से भारत को लाभ:
चीन पर सख्ती का मतलब हो सकता है कि भारत को वैश्विक व्यापार में अमेरिका से अधिक सहयोग मिल सकता है। - जलवायु और पर्यावरण:
अमेरिका के पेरिस समझौते से हटने से भारत को अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की कमी महसूस हो सकती है।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के शुरुआती फैसलों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका प्रशासन “अमेरिका फर्स्ट” नीति को प्राथमिकता देगा। यह भारत के लिए कुछ अवसर और कुछ चुनौतियां लेकर आ सकता है। अब यह देखना होगा कि भारत-अमेरिका संबंध इन नीतिगत परिवर्तनों से कैसे प्रभावित होते हैं।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Check Webstories