
UP Vidhansabha Session 2025 : लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 से 14 अगस्त 2025 तक चला, जिसके चौथे और अंतिम दिन ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन डॉक्यूमेंट’ पर 24 घंटे की मैराथन चर्चा हुई। इस दौरान पक्ष और विपक्ष ने अपने विचार रखे, और मंत्रियों ने अपने विभागों के 2047 तक के विकास लक्ष्यों को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। विपक्ष ने भी शिक्षा, कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा। चर्चा के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
UP Vidhansabha Session 2025 : सत्र में हुईं महत्वपूर्ण चर्चाएं
मानसून सत्र की शुरुआत 11 अगस्त 2025 को हुई थी। चार दिनों तक चली कार्यवाही में कई अहम मुद्दों पर बहस हुई। विपक्ष ने शिक्षा, स्कूल मर्जर, कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था जैसे विषयों पर सरकार से सवाल किए। इसके अलावा, श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक 2025 को भी इस सत्र में पारित किया गया, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 से 2017 तक गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक सीमित था। लेकिन 2017 से 2025 के बीच सरकार के लक्षित प्रयासों से 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, जिसे नीति आयोग ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने ‘जीरो पॉवर्टी’ अभियान के तहत चलाए जा रहे व्यापक कार्यक्रमों पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि सामूहिक विवाह, पेंशन और अन्नपूर्णा भवन जैसी योजनाएं समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने का काम कर रही हैं।
विपक्ष ने सत्र के दौरान सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। शिक्षा और स्कूल मर्जर नीतियों पर सवाल उठाए गए, जबकि कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की गई। विपक्ष ने सरकार के दावों पर तंज कसते हुए कहा कि जमीनी हकीकत दावों से अलग है। हालांकि, सरकार ने अपने विकास कार्यों और नीतियों का बचाव करते हुए भविष्य के लिए ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के विजन को रेखांकित किया।
सत्र के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। यह सत्र उत्तर प्रदेश के विकास और नीतिगत चर्चाओं के लिए महत्वपूर्ण रहा, जिसमें सरकार ने 2047 तक के अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को स्पष्ट किया।