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UP News: वाराणसी। सावन माह का अंतिम सोमवार (Last Sawan Somwar 2025) आज भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। खासकर काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। रात 12 बजे से ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। सामान्य दिनों में जहां लाखों लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, वहीं सावन के अंतिम सोमवार को यह संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है।
UP News: मंगला आरती और पुष्पवर्षा का भव्य आयोजन
सावन माह की पवित्र प्रभात वेला में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती का आयोजन किया गया। इस दौरान भक्तों पर पुष्पवर्षा की गई, जिसने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। सुबह 5 बजे से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए, और जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सावन के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक का विशेष महत्व माना जाता है, और भक्त इस अवसर पर बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पूरे उत्साह के साथ पूजा-अर्चना में जुटे हैं।
UP News: रुद्राभिषेक की विधि
सावन के अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक करने की विशेष परंपरा है। इसके लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- संकल्प और तैयारी: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत और रुद्राभिषेक का संकल्प लें।
- पूजा सामग्री: शिवलिंग को साफ करें और बेलपत्र, अक्षत, फूल, धतूरा, भांग, गंगाजल आदि अर्पित करने के लिए तैयार रखें।
- पूजा विधि: पूजा स्थल पर दीपक और धूप प्रज्वलित करें। शिवलिंग का विधिवत अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र, रुद्राष्टक स्तोत्र, या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- व्रत और भोग: दिनभर व्रत रखें और शाम को फलाहार ग्रहण करें। भोग में शुद्ध फल या मिठाई अर्पित करें।
UP News: अभिषेक में उपयोगी सामग्री
रुद्राभिषेक में निम्नलिखित पदार्थों का उपयोग करें:
- जल और गंगाजल: पवित्रता के लिए
- दूध: शांति और शुद्धता के लिए
- दही: संतान सुख के लिए
- शहद: मधुरता और प्रेम के लिए
- घी: स्वास्थ्य और बल के लिए
- शक्कर या चीनी: संपन्नता के लिए
- बेलपत्र, आक, धतूरा: भगवान शिव को प्रिय
UP News: भक्ति में डूबी काशी
सावन के अंतिम सोमवार को काशी का माहौल पूरी तरह शिवमय हो गया है। भक्तों की भीड़ और उनके भक्ति भाव ने मंदिर परिसर को एक अलौकिक ऊर्जा से भर दिया है। बारिश के बावजूद भक्तों का जोश और श्रद्धा अटल है। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचे भक्तों का कहना है कि यह पवित्र दिन उनके लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव लेकर आया है।