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UP News : प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत गरीबों को घर बनाने के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले में लगभग 9,000 लोग ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ लिया, जबकि उनके पास पहले से ही पक्के मकान मौजूद हैं। विभागीय सर्वे में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, और अब इन लोगों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
UP News : फर्जी दस्तावेजों से लिया 1.20 लाख का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है। आपदा में घर गिरने की स्थिति में 3,200 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाती है। प्रत्येक किस्त के बाद विभागीय टीम सत्यापन करती है और निर्माण कार्य की तस्वीरें लेती है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रारंभिक जांच के बाद पात्र पाए गए लोगों को पहली किस्त जारी की गई। लेकिन जब विभागीय टीम ने सत्यापन के लिए जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
UP News : शंकरगढ़ ब्लॉक में 3,127 लोगों ने नहीं रखी एक भी ईंट
सर्वे के दौरान शंकरगढ़ ब्लॉक में 3,127 ऐसे लोग पाए गए, जिन्हें पहली किस्त मिलने के बावजूद उनके घर पर निर्माण कार्य की एक भी ईंट नहीं रखी गई थी। ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि इन लोगों को आवास की कोई आवश्यकता ही नहीं थी, फिर भी इन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ उठाया। पूरे जिले में ऐसी जांच में 9,000 से अधिक लोग फंस गए, जिनके पास पहले से ही दो मंजिला पक्के मकान थे।
UP News : रिकवरी के साथ जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हर्षिका सिंह ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवास योजना का लाभ लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सभी दोषियों से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही, जिन अधिकारियों या कर्मचारियों ने ऐसे आवेदनों को स्वीकृत किया, उनके खिलाफ भी जांच और कार्रवाई की जाएगी।
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