
जब व्यक्ति का समय आता है तो वह उसे उस गति से आगे बढ़ता है कि अपने से बड़े धुरंधरो को भी एक झटके में पीछे छोड़ सबसे आगे निकल जाता है |बेशक यह बात कहने और समझने में बड़ी आसान लगती है पर उसे शिखर तक पहुंचने में कड़ा संघर्ष और मेहनत करना पड़ता है और यह बात आज एक व्यक्ति पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है वह है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सांसद तोखन साहू पर, जिन्होंने कल मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली |
Tokhan Sahu
आज हम जानेगे तोखन साहू से जुड़े वो किस्से जिन किस्सों से आज वो उस मुकाम तक पहुंचे
पंच चुनाव लड़ो नौकरी में क्या रखा है
यह बात उन दिनों की जब तोखन साहू नौकरी करने रायपुर में थे नौकरी की छुट्टी में वह अपने गांव गए थे ,जहां उन्हें गांव के लोगों के कहने पर अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की सन 1994 में वे वर्तमान में मुंगेली जिला के लोरमी विकासखंड के सूरजपुरा गांव से निर्विरोध पंच निर्वाचित हुए फिर सरपंच बने इसके बाद में 2005 में जनपद सदस्य चुने गए रमन सिंह की सरकार में साल 2012 में उन्हें जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं दी और यहाँ से तोखन साहू धीरे- धीरे राजनीति में आगे बढ़ते गए जो उन्हें विधायक पद तक लेकर गई |
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2013 विधान सभा चुनाव जीत – 2018 हार
साल 2013 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक चूका था इस चुनाव में लोरमी विधानसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से कद्दवार नेता धर्मजीत सिंह चुनाव मैदान में थे | उनके बारे में यह कहा जाता है कि उन्हें लोरमी सीट से हरना असंभव है पर उन्हें हराने की जिम्मेदारी भाजपा ने तोखन साहू को दी | तोखान साहू ने अपनी पूरी मेहनत और कार्यकर्ताओं के बदौलत इस चुनाव को जीता और रमन सरकार में संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया ,हालांकि 2018 के चुनाव में उन्हें छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी धर्मजीत सिंह से चुनाव में मात मिली इस चुनाव के बाद कहा जाने लगा की तोखन साहू अब सिर्फ पूर्व विधायक बनकर ही रह जाएंगे |
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साल 2023 विधान सभा चुनाव
2023 के विधानसभा चुनाव से पहले धर्मजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए हालांकि वे लोरमी से चुनाव नहीं लड़े पर उनकी जगह वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लोरमी से चुनाव लड़े तो ये माना गया की अब तोखन साहू संगठन की राजनीति तक ही समिति रह जायेगे और अब फिर कभी चुनाव नहीं लड़ पायेगे पर इन सब को छोड़ तोखन साहू ने पूरी सच्ची निष्ठां से पार्टी के पक्ष में प्रचार किया और विपक्ष में रहने के बावजूद त्रिकोणीय मुकाबले में अरुण साव को 27 हजार से अधिक अंतर से जीत दिलाई |
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दिल्ली से आए दो फोन और बदली साहू की किस्मत
विधानसभा चुनाव तक के दौरान तोखन साहू को दिल्ली से एक फोन आता है आप चुनाव प्रचार में जुड़े रहिए आपको बिलासपुर लोकसभा से चुनाव लड़ना है और फिर तोखन साहू को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी बिलासपुर से अपना प्रत्याशी बनती है यह चुनाव पिछले चुनाव की तुलना में कहीं ना कहीं बीजेपी और तोखन साहू के लिए कठिन नजर आ रहा था क्योंकि जातिगत समीकरण में जहां तोखन साहू के पास साहू वोटर थे तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव के पास भी लोकसभा क्षेत्र की दूसरी सर्वाधिक वोट वाले यादव समाज का समर्थन था पर नतीजे जब आए तो वह भाजपा के पक्ष में थे |तोखन साहू देवेंद्र यादव को करीब 164588 के अंतर से चुनाव हराया | और देश की संसद में जाने के लिए टिकट फाइनल किया पर 9 जून को सुबह एक और फ़ोन आता है जो एक नया इतिहास रचने वाला था |
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मै तोखन साहू ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ लेता हुं की
भारतीय जनता पार्टी या NDA की सरकार बन चुकी थी , सभी 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मंत्रिमंडल के तैयरियो को लेकर काफी उत्साहित थे तो वही कुछ सांसद मोदी कैबिनेट में शामिल होने के संशय में थे और छत्तीसगढ़ से भी कुछ सांसद खुद को मोदी कैबिनेट में शामिल होन की खबर मीडिया में सुन रहे थे और फ़ोन का इंतजार कर रहे थे | पर हमेशा की तरह चौकाने वाले फैसले लेनी वाली बीजेपी ने दिग्गजों को छोड़ एक नए नवेले सांसद को फ़ोन मिलाया और कहा की प्रधानमंत्री ने आपको चाय पर बुलाया है आप प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और ये नया नवेला सांसद और कोई नहीं बल्कि वर्त्तमान मुंगेली जिले के लोरमी तहसील के डिंडौरी का रहने वाला एक सामान्य सा कृषक परिवार का बेटा जिसने 1994 में एक पंच के रूप में सुरजपुरा के पंचयात भवन में शपथ ली, अब वो देश के सबसे बड़े सदन में प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैबिनेट में राज्यमंत्री में रूप में शपथ ले रहा था और जिसे आज शहरी विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली |
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