Tobacco and Cigarettes More Expensive
Tobacco and Cigarettes More Expensive: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने तंबाकू और उससे बने सभी उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन), 2025 को अधिसूचित करते हुए सरकार ने सिगरेट पर लगने वाले शुल्क को कई गुना बढ़ा दिया है। पहले सिगरेट पर प्रति हजार स्टिक 200 से 735 रुपये तक शुल्क लगाया जाता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़कर 2,700 रुपये से 11,000 रुपये प्रति हजार स्टिक हो गई है।
Tobacco and Cigarettes More Expensive: नए संशोधन के तहत सिगार, हुक्का, चबाने वाला तंबाकू, जर्दा और सुगंधित तंबाकू पर भी उत्पाद शुल्क और सेस में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। चबाने वाले तंबाकू पर शुल्क 25% से बढ़कर 100%, वहीं हुक्का तंबाकू पर 25% से बढ़कर 40% हो जाएगा। पाइप और सिगरेट में इस्तेमाल होने वाले धूम्रपान मिश्रण पर कर 60% से बढ़कर 325% कर दिया गया है।
Tobacco and Cigarettes More Expensive: सरकार का कहना है कि इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के सेवन को कम करना और लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों से बचाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में स्पष्ट किया कि अतिरिक्त शुल्क उत्पाद शुल्क की श्रेणी में आएगा और इसे राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।
Tobacco and Cigarettes More Expensive: उन्होंने आश्वासन दिया कि तंबाकू किसान और बीड़ी श्रमिक इस बढ़ोतरी से प्रभावित नहीं होंगे। सरकार ऐसे किसानों के लिए फसल विविधीकरण कार्यक्रम चला रही है, जिससे कई किसान तंबाकू की खेती छोड़कर अन्य फसलों की ओर जा सके हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में सिगरेट पर कुल टैक्स वर्तमान में खुदरा कीमत के लगभग 53% है, जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक 75% है। नए प्रावधानों का उद्देश्य सिगरेट को कम किफायती बनाना और जनस्वास्थ्य लक्ष्यों के अनुरूप कर संरचना को मजबूत करना है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.






