
प्रयागराज महाकुंभ
रायपुर। प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कई विधायक शामिल हो रहे हैं, लेकिन कुछ विधायक इस यात्रा से नदारद हैं। जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से यह सवाल किया गया कि जो विधायक महाकुंभ नहीं जा रहे, उनके नाम पर कोई और डुबकी लगाएगा क्या?, तो उन्होंने इस पर तंज कसते हुए कहा –
“जिनके तक़दीर में नहीं है, वो कुंभ नहीं जा रहे हैं।”
“तक़दीर वाला ही कुंभ जा रहा है।”
“तक़दीर डॉ. रमन सिंह नहीं लिख सकता।”
“जिनके तक़दीर में नहीं है, वो खारून में भी डुबकी नहीं लगाते।”
डॉ. रमन सिंह के इस बयान को राजनीतिक कटाक्ष माना जा रहा है। यह साफ संकेत है कि महाकुंभ न जाने वाले विधायकों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी हलचल तेज हो सकती है।
महाकुंभ में छत्तीसगढ़ की भागीदारी
प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्री और विधायक वहां पहुंचकर संगम में स्नान, पूजा-अर्चना और विभिन्न धार्मिक आयोजनों में भाग ले रहे हैं। महाकुंभ में छत्तीसगढ़ पवेलियन भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहां राज्य की संस्कृति और परंपराओं की झलक देखने को मिल रही है।
क्या है इस बयान का राजनीतिक मतलब?
डॉ. रमन सिंह का यह बयान कहीं न कहीं उन विधायकों पर निशाना है, जिन्होंने महाकुंभ यात्रा से दूरी बनाई है। क्या यह भाजपा के अंदरूनी मतभेद का संकेत है या कांग्रेस पर तंज?, यह तो आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा, लेकिन इतना तय है कि महाकुंभ के बहाने राजनीति की गंगा जरूर बह रही है।