
Bangladesh
Bangladesh : भारत का पाकिस्तान के साथ सीमा पर पहले से ही तनाव है। चीन के साथ एलएसी पर गतिरोध जारी है। म्यांमार में जारी उथल-पुथल की वजह से पूर्वोत्तर भारत में समस्याएं हैं। बांग्लादेश में यह बदलाव भारत के लिए सीमापार आतंक, घुसपैठ और तस्करी की चुनौतियां बढ़ाएगा।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने या बांग्लादेश से जाने की खबर पर भारत की चिंता को लेकर कुछ मुख्य बिंदु
- भारत-बांग्लादेश संबंध: शेख हसीना की सरकार के तहत भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ है। हसीना की प्राथमिकताओं में भारत के साथ सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति से इन संबंधों पर असर पड़ सकता है।
- पारस्परिक सहयोग: हसीना के शासनकाल में, भारत और बांग्लादेश ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जैसे कि सीमा सुरक्षा, व्यापार, और जल संसाधनों के प्रबंधन के मुद्दे। उनकी अनुपस्थिति में इन समझौतों की निरंतरता और कार्यान्वयन पर असर पड़ सकता है।
- राजनीतिक स्थिरता: हसीना की विदाई से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है। इससे भारत को चिंता हो सकती है, क्योंकि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा उनके लिए महत्वपूर्ण हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव: हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का समर्थन किया है। उनकी अनुपस्थिति में, बांग्लादेश की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- आंतरिक समस्याएं: हसीना के जाने से बांग्लादेश में आंतरिक समस्याओं और अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे भारत को सीमा पर सुरक्षा और प्रवासी मुद्दों के संदर्भ में चिंता हो सकती है।
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