रायपुर। ख़त्म होगा नामांतरण का नाटक : छत्तीसगढ़ में राजस्व विभाग अपने काम – काज के तरीके बदलने जा रहा है। रजिस्ट्री के बाद अब नामांतरण का नाटक ख़त्म हो जाएगा। इसके लिए सुगम एप की तैयारी की जा रही है। इसके बाद प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के साथ ही साथ उसका नामांतरण भी लगे हाथ हो जाएगा। इसके लिए किसी को अलग से दौड़ना नहीं पडेगा।
ख़त्म होगा नामांतरण का नाटक : जानिए कैसे
दरअसल राज्य में रोजाना तकरीबन 8 हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। इसके बाद विक्रेता से क्रेता के नाम संपत्ति आने में कुल 90 दिनों का समय लगता है। इसके लिए तहसील और पटवारी कार्यालय में सुविधा शुल्क भी देना पड़ जाता है। इसी को देखते हुए राजस्व विभाग अब तत्काल नामांतरण की सुविधा शुरू करने जा रहा है।
कैसे काम करेगा ये सिस्टम
जानकारों का मानना है कि सरकार इस अनूठी पहल से राजस्व विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार से बचने की उम्मीद है। तो वही अधिकारियों का कहना है कि सुगम ऐप से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद पूरी पादर्शिता के साथ रजिस्ट्री होगी। भुइंया रिकॉर्ड को भी सुगम ऐप से जोड़ा जा चुका है।
जो रिकॉर्ड भुइंया एप में होगा, उसके आधार पर ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया होगी। रजिस्ट्री में ही गड़बड़ी की सभी आशंकाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। ऐसे में जब राजस्व रिकॉर्ड सटीक होने पर ही रजिस्ट्री होगी और 24 घंटे के अंदर नामांतरण भी हो जाएगा।
अभी रजिस्ट्री कराने के बाद नामांतरण कराने के लिए तहसील कार्यालय जाना पड़ता है और वहां आवेदन देना होता है। अब आवेदन रजिस्ट्री कराने के साथ ही पटवारी और तहसीलदार के लॉगिन आईडी में फारवर्ड हो जाता है।
इसके साथ ही साथ संबंधित तहसीलदार के पास रजिस्ट्रीकर्ता का आवेदन दिखाई देने लगता है। क्रेता-विक्रेता की पेशी और विज्ञापन के बाद नामांतरण की भी प्रक्रिया होती है। नामांतरण के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं लगाना होंगे।
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