
Tension increased due to the statements of CM and PCC President on conversion and dead body burial controversy in Bastar...
बस्तर : बस्तर जिले में धर्मांतरण और शव दफन को लेकर विवाद ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में शव दफन को लेकर लगातार हो रहे विवाद के बीच हिंसात्मक घटनाएं भी बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मुद्दे पर अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान बस्तर में बयान दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या बन गई है, जिसकी वजह से दो समुदायों के बीच शव दफन को लेकर विवाद बढ़ रहा है। सीएम ने कहा कि अगर धर्मांतरण पर काबू पाया जाए, तो ही बस्तर में स्थिति सामान्य हो पाएगी, और इसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है।
इस पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने पलटवार किया। बैज ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता और नेता लगातार विवाद उत्पन्न कर बस्तर का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन और प्रशासन इस मुद्दे पर समाधान निकालने में पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं। बैज ने यह भी कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य में सरकार है, तो धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकार को गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
बस्तर जिले में पिछले कुछ महीनों में शव दफन को लेकर 2024 में एक दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं। चित्रकोट विधानसभा के कई क्षेत्रों में शव दफन को लेकर हिंसात्मक घटनाएं हुईं, और कई दिनों तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
बस्तर में इस विवाद ने सरकारों की नाकामी को उजागर किया है, और स्थानीय निवासियों में असंतोष फैल रहा है।
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