
तीज महापर्व 2024
रायपुर। तीज महापर्व 2024 आज पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। यह महापर्व सुहागिनों के लिए होता है। तीज में सुहागिन व्रत उपवास कर अपने पति की लंबी उम्र वैवाहिक जीवन को अच्छा बनाए रखने के लिए किया जाता है। देश में कुल कितने तीज महापर्व मनाए जाते हैं ? कज़री तीज का उत्तर प्रदेश में क्या महत्त्व है ? सब कुछ आपको बताएंगे।
तीज महापर्व 2024 की क्या है मान्यता
इस महापर्व की मान्यता यह है कि भगवान शंकर के लिए माता पार्वती ने भगवान शंकर की लंबी उम्र अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत किया था। उसी प्रकार सभी सुहागन यह व्रत करके अपने वैवाहिक जीवन व अपने पति की अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत करती हैं ।
भाऱत में कितने तीज महापर्व
अब आप सोच रहे होंगे कि देश में सिर्फ एक ही तीज महापर्व मनाया जाता है , पर ऐसा नहीं है। इस देश में हरियाली और कज़री तीज के बाद हरतालिका तीज मनाई जाती है। इस तरह इस देश में तीन तीज महापर्व मनाई जाती है।
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कज़री तीज को उत्तर प्रदेश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। बागों में हरे परिधानों से लैस होकर सुहागिनें एक साथ मिल कर कज़ली गाती और नृत्य करती हैं। यही कारण है कि इसको कज़री तीज के नाम से जाना जाता है।
तीज महापर्व 2024 : क्या है इसके व्रत का नियम
यह व्रत करने के लिए सुहागिन सुबह की शुरुआत मंदिर दर्शन करके करती हैं फिर शाम को कथा पूजन कर दूसरी सुबह व्रत खोलती हैं।
तीज महापर्व 2024: छत्तीसगढ़ में ऐसे मनाते है त्यौहार
वैसे तो यह महापर्व पूरे भारत में मनाया जाता है पर छत्तीसगढ़ में इसे अलग तरीके से मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में इस पर्व का विशेष उत्साह रहता है। छत्तीसगढ़ी में इसे तीजा कहते हैं । इस महापर्व को मनाने के लिए बेटी बहन को मायके में लाया जाता है।
तीजा का पर्व मायके में मनाते हैं। इस पर्व को भद्रपक्ष की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। इसके लिए बहन बेटियों को व्रत के पहले दिन कड़वा करेले की सब्जी खिलाकर व्रत रखा जाता है। व्रत के दिन कथा पूजा की जाती है।
शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी को उपवास खोला जाता है। इस व्रत को करने के लिए बेटी बहनों के लिए मायके से सुहागन का सिंगर दिया जाता है । जिसे पहन कर बहन बेटी है इस व्रत को करती है।
बेटियों को मायके बुलाने का पर्व
यह पर्व हालांकि सुहागिनों का पर्व होता है परंतु छत्तीसगढ़ में तीजा आने तीजा का कार्यक्रम सभी माता बहनों एवं बेटियों का होता है जो शादी करके चली गई या शादी के बाद विधवा हो गई या फिर अन्य कुछ हुआ हो ।
यहां यह पर्व बेटियों का मायके में आने का पर्व होता है जो माताएं बहने साल भर में एक बार तीज में मायके जाती है जिसे तीजा कहा जाता है। इसीलिए छत्तीसगढ़ में इसे अलग उत्साह के साथ मनाया जाता है ।
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