
Surya VHF Radar
Surya VHF Radar: नई दिल्ली। भारत ने अपनी रक्षा तकनीक को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए स्वदेशी रूप से विकसित ‘सूर्या’ VHF रडार का सफल निर्माण किया है। यह रडार सिस्टम स्टील्थ तकनीक से लैस छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स को भी ट्रैक करने की क्षमता रखता है — जो आमतौर पर पारंपरिक रडार की पकड़ से बाहर रहते हैं। यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
Surya VHF Radar: स्टील्थ फाइटर जेट्स की भी अब खैर नहीं
‘सूर्या’ रडार को बेंगलुरु स्थित अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी लिमिटेड (ADTL) ने भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया है। यह रडार सिस्टम चीन के J-20 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स और विंग लूंग जैसे ड्रोन को भी पहचानने की सामर्थ्य रखता है। VHF (वेरी हाई फ्रिक्वेंसी) बैंड पर काम करने वाला यह रडार लंबी तरंगदैर्ध्य का इस्तेमाल करता है, जो स्टील्थ विमानों की पहचान के लिए आदर्श माना जाता है।
Surya VHF Radar: रडार की विशेषताएं
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360 किलोमीटर तक की रेंज: 2 वर्ग मीटर रडार क्रॉस सेक्शन वाले लक्ष्यों को ट्रैक करने की क्षमता
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360 डिग्री कवरेज: प्रति मिनट 10 बार घूमने की क्षमता के साथ व्यापक क्षेत्र की निगरानी
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3D रडार तकनीक: कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों की भी स्पष्ट पहचान
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मोबाइल यूनिट: दो 6×6 हाई-मोबिलिटी वाहनों पर तैनात, हर भौगोलिक परिस्थिति में त्वरित तैनाती संभव
Surya VHF Radar: बिना विदेशी मदद, पूरी तरह स्वदेशी
‘सूर्या’ रडार को बिना किसी विदेशी तकनीकी सहायता के भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है। यह न केवल देश की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भर नहीं है। यह रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस और सशक्त कदम है।
Surya VHF Radar: आकाश और QRSAM के साथ बनेगा दुश्मनों के लिए घातक कॉम्बिनेशन
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सूर्या रडार को भारत की मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों जैसे आकाश मिसाइल सिस्टम और QRSAM (Quick Reaction Surface-to-Air Missile) से जोड़ा जाए, तो यह एक डेडली डिफेंस नेटवर्क का निर्माण करेगा। यह चीन के स्टील्थ फाइटर J-20 या पाकिस्तान को संभावित रूप से मिलने वाले एडवांस फाइटर जेट्स के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
Surya VHF Radar: भविष्य की युद्ध प्रणाली में निर्णायक भूमिका
सूर्या रडार का निर्माण न केवल भारत के लिए एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय वायुसेना को भविष्य की हाई-टेक लड़ाइयों में एक रणनीतिक बढ़त भी देता है। स्टील्थ तकनीक वाले विमानों के खिलाफ सक्षम होकर भारत अब आधुनिक हवाई खतरों का सामना आत्मविश्वास के साथ कर सकता है।
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