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Surajpur Breking : सूरजपुर जिले के रामानुजनगर बीईओ द्वारा एक विवादित आदेश जारी करने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बीईओ ने एक विभागीय पत्र जारी कर शिक्षकों से उनके निजी कार्यों की जानकारी मांगी है। इस आदेश को शिक्षक संघ ने मौलिक अधिकारों और निजता का हनन करार दिया है।
क्या है विवादित आदेश?
बीईओ ने शिक्षकों से उनके शिक्षकीय कार्य के बाद किए जा रहे किसी भी अन्य निजी कार्य, जैसे बीमा आदि, की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। यह आदेश पूरे विकासखंड के शिक्षकों पर लागू किया गया है।
शिक्षक संघ का विरोध
शिक्षक संघ ने इस आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह शिक्षकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। संघ के कुछ सदस्यों ने दबी जुबान में बीईओ को शिक्षा संस्थान से हटाने की मांग भी की है।
बीईओ पर पहले भी लगे आरोप
रामानुजनगर के बीईओ पहले भी विवादों में रहे हैं। उन पर मनमाने आदेश जारी करने और अपनी मर्जी से काम करने के कई आरोप लग चुके हैं। शिक्षक संघ के मुताबिक, यह आदेश उनकी कार्यशैली का एक और उदाहरण है।
डीईओ का बयान
जब इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा, करे कोई, भरे कोई। जो ऐसा आदेश जारी किया है, वह खुद इसके लिए जिम्मेदार हैं।”
आगे क्या होगा?
इस घटना के बाद यह देखना होगा कि उच्च अधिकारी बीईओ के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं या उनकी मनमानी जारी रहेगी। शिक्षकों का कहना है कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वे प्रदर्शन का रास्ता अपनाएंगे।
यह मामला न केवल शिक्षकों की निजता के अधिकार का मुद्दा है, बल्कि शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अनियमितताओं की ओर भी इशारा करता है।
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