
OTT And Social Media : ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में अश्लील कंटेंट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, केंद्र को भेजा नोटिस...
Supreme Court: नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने पहले कहा था कि वह 20 मई को अंतरिम राहत के मुद्दे पर विचार करेगा। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सोमवार तक अपने लिखित नोट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
Supreme Court: सुनवाई स्थगित करने का फैसला:
बीते गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा था, “हम अंतरिम राहत के मुद्दे पर मंगलवार को विचार करेंगे।” पीठ ने स्पष्ट किया कि 20 मई 2025 को होने वाली सुनवाई में 1995 के वक्फ कानून के प्रावधानों पर रोक लगाने की मांग वाली किसी भी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। इससे पहले पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी, जो 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए।
Supreme Court: राष्ट्रपति की मंजूरी:
5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने पिछले महीने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था। इस बिल को लोकसभा में 288 सांसदों के समर्थन और 232 सांसदों के विरोध के साथ पारित किया गया था। राज्यसभा में 128 सांसदों ने इसके पक्ष में और 95 ने इसके खिलाफ मतदान किया था। बिल के पास होने के बाद कई राजनीतिक दलों और मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर इसकी वैधता को चुनौती दी।
Supreme Court: पांच याचिकाओं पर सुनवाई:
सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर दायर पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से सरकार के खिलाफ दलीलें पेश करेंगे। कोर्ट ने 17 अप्रैल को इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार किया था और केंद्रीय वक्फ परिषद व बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।