
Supreme Court big decision
Supreme Court big decision : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के सभी संविदा कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2018 में दिए गए फैसले को जारी रखा है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति
याचिका (एसएलपी) खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने 3 माह के भीतर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस निर्णय का पालन करने को कहा है, जिसमें कोर्ट ने ऐसे याचिकाकर्ता सभी संविदा प्राध्यापकों को नियमित करने के निर्देश दिए हैं।
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फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाए। यह आदेश तीन महीने के भीतर लागू करने के लिए कहा गया है।
पृष्ठभूमि: छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका तर्क था कि लंबे समय से संविदा पर काम करने के बावजूद उन्हें स्थायी पद पर नियुक्त नहीं किया गया।
Supreme Court big decision
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
समय सीमा: कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर इस आदेश को लागू करने के लिए कहा है।
नियमितीकरण प्रक्रिया: सरकार को कर्मचारियों की सेवा की शर्तों और नियमों की समीक्षा करके उन्हें नियमित करना होगा।
महत्व: कर्मचारियों के लिए राहत: यह निर्णय संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे थे।
सार्वजनिक सेवा: इस आदेश के माध्यम से राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी संविदा कर्मचारियों को उचित नियमितीकरण प्रक्रिया के तहत स्थायी पद पर नियुक्त किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो उनके भविष्य और स्थायित्व के दृष्टिकोण से काफी अहम है।
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अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस आदेश को कितनी जल्दी लागू करती है और कर्मचारियों को नियमित करती है।
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