
Sukma
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ता नजर आ रहा है आए दिनों पुलिस की कार्यवाही एवं नक्सलियों की मुठभेड़ होने के कारण नक्सली समर्पण कर रहे हैं | तो वही नक्सलियों को सहायता देने वाले माध्यम भी अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं ऐसा ही एक मामला सुकमा जिले से सामने आ रहा है जिसमें नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्चिंग के दौरान नक्सलियों के पास से नोट छापने के उपकरण मिले हैं जिसमें 50 100 200 ₹500 के नकली नोट के सैंपल भी बरामद किए गए हैं |
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पुलिस ने बताया कि नक्सलियों द्वारा नकली नोट को छापने और उसे बाजारों में खपाने की हमें जानकारी मिली ,जिस पर हमने पूरे सुकमा में अलर्ट जारी किया और त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला बल ,बस्तर फाइटर एवं 50 वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी को सर्चिंग के लिए ग्राम मैलासुरा और कोराजगुड़ा,दंतेश पुरम एवं आसपास के इलाकों में भेजा गया |और इसी दौरान कोरम गुंडा की जंगल में पुलिस की मूवमेंट को देखकर नक्सली डर गए और फरार हो गए |
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क्या पैसे की कमी से जूझ रहे हैं नक्सली
सुरक्षा बल जब घटनास्थल की सघन खोजबीन की तो उन्हें बंदूक, वायरलेस, सेट मैगजीन , नक्सली काली वर्दी विस्फोटक सामग्री के अलावा सबसे अनोखी चीज मिली जो थी ,नोट छापने के उपकरण जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में बड़े नक्सली का कैडरों ने प्रत्येक एरिया कमेटी में एक-एक नक्सली सदस्य को नोट छापने की ट्रेनिंग दी थी | और यही नक्सली अब प्रशिक्षण के बाद अपने-अपने एरिया और क्षेत्र में अन्य नक्सलियों को नकली नोट छापकर अंदरूनी क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजार में इसे खपाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं |
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इससे यह बात स्पष्ट समझ आती है कहीं ना कहीं अब नक्सली पैसे की कमी से जूझ रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नकली नोट छापने जैसे कार्य करने पड़ रहे हैं
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