
Seraikela Jharkhand : सिरदर्द बना सरायकेला विधानसभा सीट.....
Seraikela Jharkhand : सरायके लाझारखंड : झामुमो के लिए सिरदर्द बना सरायकेला विधानसभा सीट जमीनी कार्यकर्ताओं का टूटने लगा सब्र का बांध, बाहरी प्रत्याशी के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन स्थानीय कार्यककर्ताओं को टिकट देने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे झामुमो समर्थक
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सरायकेला सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. जैसे- जैसे नामांकन की अंतिम तिथि सामने आ रहे हैं वैसे- वैसे झामुमो के समर्थकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है.
आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर निर्धारित है. लगभग सभी दलों ने अपने- अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, मगर झारखंड मुक्ति मोर्चा जिसकी यह
पारंपरिक सीट रही है पिछले 20 साल से इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा अपराजेय रही है, उस सीट पर अब तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गई है. जिससे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं में मायूसी छाने लगी है. बुधवार को
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य रामदास टुडू के नेतृत्व में दर्जनों नेता और झामुमो समर्थकों ने कांड्रा में जोरदार प्रदर्शन करते हुए अपनी ही पार्टी आलाकमान को चुनौती दी है. पार्टी नेताओं ने साफ कर दिया है कि किसी भी हाल में
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बाहरी प्रत्याशी स्वीकार्य नहीं होगा. यदि पार्टी को टिकट देना है तो 20-20 साल से पार्टी का झंडा ढोने वाले जमिनी कार्यकर्ताओं को टिकट दे अन्यथा हम सभी चुनाव से दूर रहेंगे. पार्टी नेताओं ने कहा कि चंपई सोरेन के पार्टी छोड़कर
जाने के बाद भी जमीनी नेताओं ने संगठन को मजबूती दी. आज शीर्ष नेतृत्व बाहरी नेताओं पर भरोसा जाता रही है यह कतई बर्दाश्त नहीं होगा. मालूम हो कि मंगलवार देर रात झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के 35 सीटों के प्रत्याशियों के
नाम की घोषणा कर दी है. इसमें सरायकेला सीट को होल्ड पर रखा गया है. इधर कयासों और अफवाहों का दौर जारी है. भाजपा छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए बास्को बेसरा और गणेश महाली खुद को टिकट का प्रबल दावेदार
मान रहे हैं. वहीं पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता कृष्णा बास्के और डब्बा सोरेन भी ताल ठोक रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे नेताओं की भी यही मांग है कि पार्टी किसी जमीनी कार्यकर्ता को मौका दे. ऐसे में देखना या दिलचस्प होगा कि पार्टी
आलाकमान का निर्णय क्या होता है. यदि बाहरी को टिकट दिया गया तो झारखंड मुक्ति मोर्चा में बगावत और विद्रोह तय माना जा रहा है।
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