
School Admission Festival 2025
School Admission Festival 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ में नया शैक्षणिक सत्र 16 जून 2025 से शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्यभर के जिलों में शैक्षिक माहौल को सशक्त और प्रेरणादायक बनाने हेतु व्यापक तैयारियों के निर्देश जारी किए हैं। सभी कलेक्टरों, मिशन संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर शाला प्रवेश उत्सव को गरिमामय और प्रभावी रूप से आयोजित करने को कहा गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दिशा में कदम
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जा चुका है। इसका उद्देश्य है – विद्यार्थियों को एक स्वच्छ, सुंदर और प्रेरणादायक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 16 जून से स्कूल, संकुल, विकासखंड और जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव आयोजित किया जाएगा।
School Admission Festival 2025: स्कूल परिसरों की सफाई और मरम्मत को प्राथमिकता
शाला प्रवेश उत्सव की तैयारियों के तहत स्कूल भवनों, कक्षाओं और परिसरों की साफ-सफाई और जरूरी मरम्मत कार्यों को 10 जून तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग का मानना है कि आकर्षक, साफ-सुथरा और प्रिंट-रिच वातावरण विद्यार्थियों को पढ़ाई के प्रति उत्साहित करेगा और विद्यालय में सकारात्मक वातावरण बनेगा।
जनभागीदारी और जागरूकता अभियान
शाला प्रवेश उत्सव को एक जनअभियान का रूप देने के लिए बैनर-पोस्टर, रैलियों और मुनादी जैसे प्रचार-प्रसार के माध्यम अपनाए जाएंगे। साथ ही, इस आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शाला विकास समितियों और अभिभावकों की भागीदारी को भी विशेष महत्व दिया गया है। इससे समुदाय और विद्यालय के बीच जुड़ाव बढ़ेगा और नए सत्र में बच्चों की स्कूल में उपस्थिति को प्रोत्साहन मिलेगा।
School Admission Festival 2025: प्रवेश प्रक्रिया और तैयारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रथम कक्षा में प्रवेश हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों की सूची प्राप्त कर प्रवेश प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। साथ ही, विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी पहले से तैयार करने और सत्र के पहले दिन से ही गंभीर अध्ययन-अध्यापन प्रारंभ करने के लिए शिक्षकों और अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला स्तरीय आयोजन की रूपरेखा
विभाग ने प्रत्येक जिले को अपने स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव के आयोजन की स्थानीय रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि यह आयोजन सुनियोजित, समावेशी और बच्चों के लिए उत्सवमय अनुभव बन सके।