
Sambhal Violence संभल विवाद के केंद्र में हरिहर मंदिर, जानें इसके धार्मिक और ऐतिहासिक पहलू...
Sambhal Violence : संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद प्राचीन हरिहर मंदिर के स्थान पर बनी है।
इस संदर्भ में, भगवान हरिहर का उल्लेख महत्वपूर्ण है, जो हिंदू धर्म में शिव (हर) और विष्णु (हरि) के संयुक्त स्वरूप के रूप में पूजे जाते हैं।
भगवान हरिहर का परिचय:
हरिहर भगवान शिव और विष्णु के सम्मिलित रूप हैं, जिसमें शरीर का एक भाग शिव का और दूसरा भाग विष्णु का होता है। इस स्वरूप का उद्देश्य शैव (शिव उपासक) और वैष्णव (विष्णु उपासक) संप्रदायों के बीच एकता स्थापित करना था।
शैव-वैष्णव विवाद और हरिहर अवतार:
प्राचीन काल में शैव और वैष्णव संप्रदायों के बीच इस बात को लेकर विवाद हुआ कि शिव और विष्णु में कौन श्रेष्ठ हैं। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों संप्रदायों के अनुयायी एक-दूसरे के विरोधी बन गए। इस स्थिति को शांत करने के लिए, शिव और विष्णु ने हरिहर रूप धारण किया, जिससे यह संदेश मिला कि दोनों देवता एक ही हैं और उनमें कोई भेद नहीं है।
संभल का महत्व:
संभल को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि मान्यता है कि भविष्य में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार यहीं होगा। इस कारण से, यहां के धार्मिक स्थलों का विशेष महत्व है।
वर्तमान विवाद:
संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल प्राचीन हरिहर मंदिर का है, जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया। इस विवाद के समाधान के लिए अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
भगवान हरिहर का स्वरूप शैव और वैष्णव संप्रदायों के बीच एकता का प्रतीक है। संभल में वर्तमान विवाद के संदर्भ में, यह समझना आवश्यक है कि धार्मिक स्थलों का इतिहास और महत्व क्या है, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और विवादों का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से हो सके।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Top Breaking and Latest Hindi News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.