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राज्यसभा में हंगामा : राज्यसभा में आज का सत्र हंगामे और तीखी बहस के साथ शुरू हुआ, जहां सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। सदन की कार्यवाही एक बार फिर बाधित हो गई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी।
क्या हुआ सदन में?
सत्र की शुरुआत में ही सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और मैं कोई कमजोर नहीं पड़ूंगा।” उनके इस बयान पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा, “अगर आप किसान के बेटे हैं, तो मैं मजदूर का बेटा हूं।” इस बयानबाजी ने सदन का माहौल और गर्म कर दिया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक के कारण सदन में शोरगुल बढ़ गया और कार्यवाही बाधित हो गई।हंगामे की वजह
सदन में हंगामे की मुख्य वजह:- विपक्ष की मांगें: विपक्ष ने सरकार से आर्थिक मुद्दों, महंगाई और किसानों के हालात पर चर्चा की मांग की थी।
- सरकार की प्रतिक्रिया: सत्तापक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को जानबूझकर बाधित कर रहा है।
- व्यक्तिगत टिप्पणी: सभापति और खरगे के बीच की बयानबाजी ने विवाद को और बढ़ा दिया।
सभापति का बयान
सभापति जगदीप धनखड़ ने अपनी भूमिका का बचाव करते हुए कहा कि वह राज्यसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दिया जाए।खरगे का जवाब
मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम जनता के मुद्दों को उठाने के लिए यहां हैं। मजदूर और किसान दोनों ही इस देश की रीढ़ हैं। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि नीतियों के खिलाफ है।”सदन की कार्यवाही बाधित
तीखी बहस और बढ़ते शोर-शराबे के कारण सभापति को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान, विपक्ष ने सरकार पर जनहित के मुद्दों को अनदेखा करने का आरोप लगाया, जबकि सरकार ने विपक्ष पर सदन को बाधित करने का।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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