रायपुर: Republic Day 2025 : इस बार गणतंत्र दिवस पर लाल किले की परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। राज्य की संस्कृति, परंपराएं, और लोक जीवन को दर्शाती इस झांकी में रामनामी समुदाय और बस्तर की झलक खासतौर पर शामिल की गई है।
Republic Day 2025 : रामनामी समुदाय की झलक
झांकी में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध रामनामी समुदाय को दिखाया जाएगा, जो अपनी अनोखी परंपराओं और राम भक्ति के लिए प्रसिद्ध है। रामनामी समुदाय के लोग अपने शरीर पर राम का नाम अंकित कर भगवान राम की आराधना करते हैं।
यह समुदाय छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता का एक विशेष हिस्सा है, और इसे इस बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
लोक जीवन और परंपराओं की प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ की झांकी राज्य के लोक जीवन, रीति-रिवाज, और परंपराओं को खूबसूरती से प्रदर्शित करेगी। इस झांकी में स्थानीय कला, नृत्य, संगीत और ग्रामीण जीवन के दृश्यों को प्रमुखता दी गई है।
बस्तर की झलक
बस्तर, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है, को भी इस झांकी का हिस्सा बनाया गया है। इसमें बस्तर के प्रसिद्ध लोक नृत्य, हथकरघा कला, और आदिवासी जीवन की झलक देखने को मिलेगी।
राज्य की संस्कृति को राष्ट्रीय पहचान
छत्तीसगढ़ की झांकी न केवल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिखाएगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे पहचान दिलाने का काम करेगी। गणतंत्र दिवस के इस खास मौके पर झांकी छत्तीसगढ़ की अनूठी संस्कृति और परंपराओं का गौरवमय प्रदर्शन करेगी।
झांकी की विशेषताएं
- रामनामी समुदाय के लोगों का जीवन और उनकी परंपराओं का प्रदर्शन।
- बस्तर की आदिवासी संस्कृति, कला, और नृत्य।
- छत्तीसगढ़ की ग्रामीण जीवन शैली और लोक कलाओं का चित्रण।
- राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सामाजिक समरसता का संदेश।
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