
बाजारों में बिक रही धान की बालियों से बनी राखी, समूह की महिलाएं बना रही हैं ये सुन्दर राखियां
गौरेला पेंड्रा मरवाही छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, वहीं अलग अलग किस्म की धान प्रदेश के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पाई जाती है, जो खाने में अलग-अलग स्वाद और सुगंध देती है।
वहीं अगर धान के दूसरे उपयोग की बात करें तो जिले में अब इन्ही धानों से आभूषण व राखी बनाई जा रही है, आने वाले राखी त्यौहार के लिए जिले में पारंपरिक तौर पर धान की राखी बनाने का काम शुरू किया जा चुका है,
जहां महिलाएं धान की राखी बनाकर बाजारों में उपलब्ध कराती हैं, और धान के राखी की डिमांड प्रदेश से बाहर बेंगलुरु और केरल तक भी है, और जिले से इन प्रदेशों में धान की राखी सप्लाई की जाती है,
संस्था की प्रमुख और ट्रेनर नीरजा स्वामी ने बताया कि यहां महिलाओं के पास काम नहीं है, और ऐसे में ये काम आदिवासी महिलाओं समेत सभी महिलाओं के लिए घर बैठे रोजगार दिला रहा है,
वही धान से बनी राखी व गहनों को यहां की महिलाएं अब बेहतर ढंग से बना रही है,महिलाएं धान डिजाइन से लेकर पैकेजिंग तक खुद ही कर रही हैं, इन राखियों और गहनों की मांग देश के कोनो कोनो से आ रही है।
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