
298 साल की शाही परंपरा, रजवाड़ी श्रृंगार के साथ चांदी की पालकी में निकली तीज माता की सवारी,जयपुर की सड़कों पर साकार हुई राजस्थानी संस्कृति
Rajasthan News: जयपुर। राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में हरियाली तीज का त्योहार एक बार फिर राजसी ठाठ-बाट के साथ धूमधाम से मनाया गया। 298 साल पुरानी परंपरा को जीवंत करते हुए, तीज माता की शाही सवारी सिटी पैलेस के जनाना ड्योढ़ी से रविवार शाम 5:45 बजे गाजे-बाजे और पारंपरिक लवाजमे के साथ रवाना हुई। तीज माता की सवारी जयपुर की सड़कों पर आस्था और उत्साह का अनूठा संगम थी।
Rajasthan News: चांदी की पालकी में विराजमान तीज माता
माता पार्वती के स्वरूप तीज माता को 400 किलो वजनी चांदी की पालकी में बेशकीमती आभूषणों और सुर्ख लाल परिधान में सजाया गया। सवारी के आगे पंचरंगा ध्वज लिए हाथी और लोक कलाकारों की टोलियां नाचते-गाते चल रहे थे, जो राजस्थान की समृद्ध संस्कृति को दर्शा रहे थे। इस बार सवारी में 200 से अधिक लोक कलाकारों ने कालबेलिया, गैर, मयूर नृत्य और मशक वादन जैसे पारंपरिक प्रदर्शनों से समां बांधा।
Rajasthan News: महिला पंडितों ने की पूजा, पहली बार भव्य महाआरती
इस वर्ष तीज उत्सव में एक नया अध्याय जुड़ा, जब महिला पंडितों ने तीज माता की पूजा की। छोटी चौपड़ पर सवारी के पहुंचने पर पहली बार भव्य महाआरती का आयोजन हुआ, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सवारी त्रिपोलिया गेट से होते हुए पौंड्रिक पार्क पहुंची, जहां मेले का आयोजन किया गया। मेले में मेहंदी, चूड़ियां, घेवर और राजस्थानी व्यंजनों की दुकानों ने उत्सव में चार चांद लगाए।
Rajasthan News: 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के काल में शुरु हुई थी परंपरा
यह शाही सवारी 1727 में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा जयपुर शहर की स्थापना के साथ शुरू हुई थी। तब से हर साल सावन की तीज पर यह परंपरा निर्बाध रूप से जारी है। सवारी में शामिल पंडित, चोपदार, छड़ीदार और तलवार लिए सिपाही राजस्थान के रजवाड़ी युग की याद दिलाते हैं। इस बार हेलिकॉप्टर जॉय राइड की सुविधा ने पर्यटकों को जयपुर के ऐतिहासिक स्थलों और अरावली पहाड़ियों का हवाई नजारा लेने का मौका दिया।
Rajasthan News: सांस्कृतिक झलक और पर्यटकों का उत्साह
सवारी को देखने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक जयपुर पहुंचे। पारंपरिक संगीत, रंग-बिरंगे परिधान और राजस्थानी लोक नृत्यों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पर्यटन विभाग ने विदेशी मेहमानों के लिए त्रिपोलिया गेट पर विशेष व्यवस्था की, जहां उन्हें घेवर का स्वाद चखाया गया।
Rajasthan News: उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए तीज को राजस्थान की परंपरा, श्रद्धा और उत्सव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, यह सवारी न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखती है, बल्कि विश्व पटल पर राजस्थान की पहचान को और मजबूत करती है।
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