
Raipur City News : रायपुर : मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन (MOF) ने छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख शिक्षण संस्थानों, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर, को ₹172 करोड़ का अनुदान देने की घोषणा की। इस ऐतिहासिक पहल के तहत IIM रायपुर को ₹101 करोड़ और NIT रायपुर को ₹71 करोड़ की सहायता प्रदान की जाएगी। यह योगदान छत्तीसगढ़ को शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
इस सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) का हस्ताक्षर समारोह रायपुर के डीडीयू ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत, IIM रायपुर के चेयरमैन पुनीत डालमिया, NIT रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, NIT के निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव, IIM रायपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव प्रशार, स्किल डेवेलपमेंट विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन (IAS), और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के ट्रस्टी रामदेव अग्रवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
रामदेव अग्रवाल की जन्मभूमि को श्रद्धांजलि
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल, जो रायपुर के निकट नागपुरा गांव के मूल निवासी हैं, ने इस अनुदान को अपनी जन्मभूमि को समर्पित किया है। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री अग्रवाल ने कहा, “छत्तीसगढ़ मेरी जड़ों का हिस्सा है। इस धरती ने मुझे शिक्षा और मूल्यों की नींव दी, जिसने मेरे जीवन को आकार दिया। IIM और NIT रायपुर को यह सहायता देना मेरे लिए एक पूर्ण चक्र की तरह है, जिसके माध्यम से मैं अपनी जन्मभूमि को विश्वस्तरीय शिक्षा और नवाचार का केंद्र बनाने में योगदान दे रहा हूँ।”
IIM रायपुर: वैश्विक स्तर की सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय प्रोग्राम
IIM रायपुर को प्राप्त ₹101 करोड़ का अनुदान विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। इसमें ‘अग्रवाल ओसवाल स्टूडेंट रेजिडेंस’ नामक 202 कमरों वाला छात्रावास और श्री अग्रवाल के स्वर्गीय पिता की स्मृति में ‘दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर’ नामक एक एकेडमिक ब्लॉक शामिल है। इन परियोजनाओं से 2030 तक संस्थान की छात्र क्षमता 500 से बढ़कर 1,200 हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, यह फंडिंग IIM रायपुर को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में छह दोहरी डिग्री वाले MBA प्रोग्राम शुरू करने में सक्षम बनाएगी। यह पहल IIM रायपुर को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों की श्रेणी में ले जाएगी।
NIT रायपुर: इनोवेशन और उद्यमिता का नया केंद्र
NIT रायपुर को मिले ₹71 करोड़ का उपयोग ‘मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (MACIEET)’ की स्थापना के लिए किया जाएगा। यह केंद्र अग्रवाल की स्वर्गीय माता की स्मृति में बनाया जा रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, IoT, और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
इस केंद्र का लक्ष्य 2030 तक 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करना, 250 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करना और 5,000 से अधिक रोजगार सृजित करना है। यह छत्तीसगढ़ को तकनीकी नवाचार और उद्यमिता का एक प्रमुख केंद्र बनाएगा।
निर्माण कार्य और भविष्य की योजनाएं
दोनों परियोजनाओं का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 में शुरू होगा और 2027-28 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह पहल ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे छत्तीसगढ़ शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में एक वैश्विक पहचान बनाएगा।
नेताओं और शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल ने कहा, “रायपुर ने मुझे रामदेव अग्रवाल जैसे सहयोगी और मित्र दिए। यह योगदान उस भूमि के प्रति हमारी कृतज्ञता है, जिसने हमारे सपनों को पंख दिए। हम चाहते हैं कि ये संस्थान सैकड़ों युवाओं को प्रेरणा, आत्मविश्वास और बड़े सपने देखने का साहस दें।”
IIM रायपुर के चेयरमैन पुनीत डालमिया ने इस सहयोग को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा, “यह अनुदान हमें वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करने और समावेशी नेतृत्व की नई पीढ़ी तैयार करने में सक्षम बनाएगा।”
NIT रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे ने कहा, “यह त्रिपक्षीय सहयोग समाजसेवा, सरकार और शिक्षा जगत को एकजुट करता है। यह केंद्र मध्य भारत में नवाचार का एक नया युग शुरू करेगा, जो युवाओं को सशक्त बनाएगा और छत्तीसगढ़ को तकनीकी प्रगति का केंद्र बनाएगा।”
NIT रायपुर के निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव ने कहा, “यह केंद्र ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य का प्रतीक है। हम अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से स्टार्टअप्स और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे, जिससे छत्तीसगढ़ औद्योगिक और शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा।”
छत्तीसगढ़ के लिए एक नया युग
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का यह योगदान छत्तीसगढ़ को शिक्षा और नवाचार के वैश्विक नक्शे पर स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह पहल न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगी, बल्कि युवाओं को सशक्त बनाकर और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करके क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विकास को गति प्रदान करेगी। यह रामदेव अग्रवाल की जन्मभूमि के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके दृष्टिकोण का प्रतीक है।