
Raas Garba 2025: एशियन न्यूज और न्यूजप्लस 21 के रास गरबा 2025 का काउंटडाउन शुरु, ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट आज से फ्री गरबा वर्कशॉप, नोट कर लें शेड्यूल... हो जाइए तैयार
Raas Garba 2025: रायपुर। मध्य भारत के सबसे बड़े एशियन न्यूज और न्यूजप्लस 21 के रास गरबा 2025 का काउंटडाउन शुरु हो गया है। पांच दिन बाद वो लम्हा आने वाला है जिसका आपको सालों से इंतजार था। राजधानी रायपुर के ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट में 25 से 28 सितंबर तक रास गरबा 2025 का आयोजन होगा।
Raas Garba 2025: गरबा प्रेमियों के लिए शनिवार 20 सितंबर से ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट में फ्री गरबा वर्कशॉप का आयोजन होगा। यहां आप सनातन संस्कृति और परंपराओं को जानेंगे…आप भी आइये…. ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट, रायपुर। इस आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को गरबा और डांडिया के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना है।
Raas Garba 2025: फ्री गरबा वर्कशॉप 20 सितंबर से शुरू
गरबा के शौकीनों के लिए खुशखबरी! शनिवार 20 सितंबर से ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट में फ्री गरबा वर्कशॉप का आयोजन होगा। यह वर्कशॉप दोपहर 2 बजे से शुरू होगी, जहां देश के मशहूर गरबा आर्टिस्ट नृत्य के हर स्टेप को सिखाएंगे। यह उन लोगों के लिए सुनहरा मौका है जो गरबा की लय और ताल को सीखना चाहते हैं। पारंपरिक परिधानों में सजकर तैयार हो जाइए, क्योंकि यह वर्कशॉप आपके गरबा ट्रेडिशनल लुक देने में मदद करेगा।
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Raas Garba 2025: ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट बनेगा सांस्कृतिक धूम का केंद्र
ओमाया गार्डन रिज़ॉर्ट को भव्य लाइटिंग, शानदार साउंड सिस्टम और गुजराती थीम आधारित सजावट से सजाया जा रहा है। यह विशाल परिसर रायपुर को गुजराती गरबा का अहसास कराएगा। पारंपरिक रास-गरबा के साथ-साथ आधुनिक संगीत और नृत्य का तड़का इस आयोजन को हर उम्र के लोगों के लिए यादगार बनाएगा। इसके अलावा ट्रेडिशनल ड्रेस प्रतियोगिता, लाइव म्यूजिक बैंड, प्रसिद्ध सिंगर्स, और डीजे की धमाकेदार परफॉर्मेंस इस उत्सव में चार चांद लगाएंगे। हर दिन लाखों रुपए के आकर्षक उपहार भी बांटे जाएंगे, जो भक्तों का उत्साह दोगुना करेंगे।
Raas Garba 2025: माता रानी की भक्ति में डूबेगा रायपुर
रास गरबा 2025 में देशभर से आए मशहूर गरबा और डांडिया कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को भक्तिमय बनाएंगे। यह आयोजन न केवल रायपुरवासियों बल्कि छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के भक्तों के लिए भी एक अनूठा अनुभव होगा। माता रानी के आशीर्वाद और भक्तों के जोश के साथ, यह उत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एकता का प्रतीक बनेगा।