भारत में सैटेलाइट नेटवर्क लाइसेंस नियमों में बदलाव की संभावना, एलन मस्क को हो सकता है फायदा

भारत सरकार सैटेलाइट नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए नियमों में बदलाव पर विचार कर रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सरकार सैटेलाइट लाइसेंस आवंटन में राहत देने की योजना बना रही है, जिससे सैटेलाइट नेटवर्क प्रोवाइड करने वाली कंपनियों को फायदा हो सकता है। इन बदलावों से सुरक्षा आवश्यकताओं में कुछ राहत मिल सकती है, और रिमोट मैनेजमेंट और फिक्स सैटेलाइट टर्मिनल स्थापित करने के लिए भी नियमों में लचीलापन आ सकता है।
नए नियमों में राहत और सुविधाएं
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) द्वारा किए गए विचार-विमर्श के बाद, नए नियमों में कंपनियों को रिमोट मैनेजमेंट की अनुमति दी जा सकती है, साथ ही फिक्स सैटेलाइट टर्मिनल स्थापित करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जा सकता है। इस बदलाव का सीधा फायदा चार प्रमुख सैटेलाइट नेटवर्क कंपनियों को होगा, जो भारतीय सैटेलाइट मार्केट में सक्रिय हैं:
- Eutelsat Oneweb (Bharti-backed)
- Reliance Jio-SES
- Starlink
- Amazon Kuiper
कंपनियों को इन नए नियमों पर अपना इनपुट एक हफ्ते के भीतर देने का समय दिया गया है।
स्टारलिंक और अन्य कंपनियों का जवाब
मास्क के नेतृत्व वाली Starlink समेत सभी प्रमुख कंपनियां अभी तक सवालों के जवाब नहीं दे पाई हैं। हालांकि, Starlink ने अपने इनपुट साझा करने के लिए सकारात्मक रुख अपनाया है, जबकि Amazon ने जवाब देने के लिए जनवरी तक का समय मांगा है। बाकी कंपनियों ने भी कुछ समय मांगा है।
भारत और मस्क के बीच सहयोग
भारत के इस कदम को एलन मस्क के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। मस्क और भारत के बीच बढ़ते सहयोग को लेकर कई संकेत मिल रहे हैं, और यदि नियमों में बदलाव होते हैं, तो इससे मस्क को सीधा फायदा हो सकता है। इसके अलावा, Amazon को भी सैटेलाइट लाइसेंस मिलने की संभावना बढ़ सकती है, जो पहले सुरक्षा खंडों का अनुपालन न करने के कारण लंबित थे।
ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन (GMPCS) लाइसेंस
नए नियमों के तहत Starlink और Amazon Kuiper जैसी कंपनियों के लिए GMPCS लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ हो सकता है, जिससे ये कंपनियां भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं को विस्तार दे सकती हैं। यह कदम भारत में सैटेलाइट नेटवर्क को और सशक्त बनाने और वैश्विक कंपनियों के लिए अवसर खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।