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नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। सरकार ने दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार की सूचना कांग्रेस और उनके परिवारजनों को दी थी। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत कर डॉ. मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाए जाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि भारत के महान सपूत डॉ. मनमोहन सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए और उनकी स्मृति में एक स्थायी स्मारक बनाया जाए।
कांग्रेस के पत्र के जवाब में सरकार ने इस मामले पर निर्णय लेने के लिए समय मांगा है। हालांकि, सरकार ने अंतिम संस्कार की तारीख और समय घोषित कर दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को सुबह 11:45 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार के फैसले से असंतुष्ट है। उनका मानना है कि डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता, जिन्होंने भारत की राजनीति और आर्थिक सुधारों में ऐतिहासिक योगदान दिया है, उनके लिए एक राष्ट्रीय स्तर का स्मारक स्थापित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने सरकार से आग्रह किया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरी गरिमा और राजकीय सम्मान के साथ किया जाए। पार्टी का कहना है कि डॉ. सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान देश को आर्थिक मजबूती और वैश्विक पहचान दिलाई है, इसलिए उनकी स्मृति को संजोने के लिए एक स्थायी स्मारक होना चाहिए।
सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, 28 दिसंबर को निगमबोध घाट पर डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में कई वरिष्ठ नेता, गणमान्य व्यक्ति, और डॉ. सिंह के परिवारजन मौजूद रहेंगे।
यह राजनीतिक विवाद पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत और उनके योगदान पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण को लेकर उठाए गए सवालों को उजागर करता है। कांग्रेस की मांग और सरकार का जवाब आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और बहस को जन्म दे सकता है।
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