
PM Modi
PM Modi : विंडहोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपने पांच देशों के दौरे के अंतिम चरण में नामीबिया पहुंचे हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान वे नामीबिया के राष्ट्रपिता डॉ. सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जो देश की आजादी और निर्माण के प्रतीक माने जाते हैं। भारत में जिस तरह महात्मा गांधी को सम्मानित किया जाता है, वैसा ही दर्जा नामीबिया में डॉ. नुजोमा को प्राप्त है। उनका जीवन एक साधारण रेलवे कर्मचारी से आजादी के नायक और देश के पहले राष्ट्रपति तक का प्रेरणादायक सफर है।
मामूली नौकरी से शुरू हुआ था सफर
डॉ. सैम नुजोमा का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा सीमित रही, लेकिन वे हमेशा सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित रहे। करियर की शुरुआत उन्होंने रेलवे में एक मामूली कर्मचारी के रूप में की, लेकिन दिल में देश को आजाद देखने का सपना था।
आजादी की लड़ाई के नायक
नामीबिया जिसे पहले साउथ वेस्ट अफ्रीका कहा जाता था, पहले जर्मन उपनिवेश रहा और बाद में दक्षिण अफ्रीका के नियंत्रण में चला गया। इन दोनों शक्तियों ने स्थानीय लोगों पर भयंकर अत्याचार किए। डॉ. नुजोमा ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और 1959 में “ओवाम्बोलैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन” के नेता बने। यह संगठन बाद में SWAPO (South West Africa People’s Organization) बना, जो देश की स्वतंत्रता की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बना।
निर्वासन और संघर्ष
संगठन का नेतृत्व संभालने के बाद डॉ. नुजोमा को देश से निर्वासित कर दिया गया। उस समय उनकी उम्र केवल 30 साल थी और पासपोर्ट तक उनके पास नहीं था। फिर भी उन्होंने दुनिया भर में बिना आधिकारिक पहचान के यात्राएं कीं, रेल और हवाई मार्ग से संयुक्त राष्ट्र पहुंचे और वहां नामीबिया की आजादी की मांग उठाई।
1990 में मिली आजादी, बने पहले राष्ट्रपति
लगभग तीन दशकों के संघर्ष के बाद, डॉ. नुजोमा के नेतृत्व में नामीबिया ने 1990 में दक्षिण अफ्रीका से आजादी हासिल की। इसी के साथ वे देश के पहले राष्ट्रपति बने और लगातार तीन कार्यकाल (1990–2005) तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में नामीबिया ने न केवल स्वतंत्रता हासिल की, बल्कि लोकतांत्रिक और स्थिर राष्ट्र के रूप में खुद को स्थापित भी किया।
फरवरी 2025 में हुआ निधन
लंबी बीमारी के बाद फरवरी 2025 में डॉ. सैम नुजोमा का निधन हो गया। उनके जाने के बाद पूरे नामीबिया में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया। उनके योगदान को आज भी सम्मानपूर्वक याद किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस समय नामीबिया दौरा ऐतिहासिक बन गया है, जहां वे डॉ. नुजोमा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी नदैतवा से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।