
PM Modi
PM Modi : नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन देशों के महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर रवाना हो गए। इस यात्रा का पहला पड़ाव कनाडा है, जहां वह जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह साइप्रस और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। इस यात्रा को भारत की वैश्विक कूटनीति, सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
PM Modi : जी-7 सम्मेलन: आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले अपने बयान में कहा कि कनाडा के कनानैस्किस में आयोजित जी-7 सम्मेलन न सिर्फ वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच है, बल्कि यह ‘ग्लोबल साउथ’ यानी विकासशील और कम विकसित देशों की प्राथमिकताओं को दुनिया के सामने रखने का भी बेहतरीन अवसर है।
प्रधानमंत्री ने खास तौर पर आतंकवाद का उल्लेख करते हुए कहा, “यह यात्रा उन साझेदार देशों को धन्यवाद कहने का मौका है जो सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करते हैं। साथ ही यह समय है वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता को और मजबूत करने का।”
PM Modi : साइप्रस यात्रा: ऐतिहासिक रिश्तों को नई ऊर्जा
जी-7 सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस पहुंचेंगे। यह यात्रा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के आमंत्रण पर हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “साइप्रस भारत का घनिष्ठ मित्र है और यूरोपीय संघ तथा भूमध्य सागर क्षेत्र में एक प्रमुख साझेदार भी है।” इस दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करना है। इसमें व्यापार, निवेश, सुरक्षा, तकनीक और जन-संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर विशेष जोर रहेगा।
PM Modi : क्रोएशिया दौरा: पहली बार पहुंचेगा भारतीय प्रधानमंत्री
पीएम मोदी की इस यात्रा का तीसरा और अंतिम चरण क्रोएशिया होगा, जहां वे राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली क्रोएशिया यात्रा होगी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और क्रोएशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। यह दौरा आपसी हितों वाले क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोलेगा और द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देगा।”
PM Modi : कनाडा से संबंधों में सुधार की उम्मीद
पीएम मोदी का कनाडा दौरा खासतौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल के वर्षों में भारत-कनाडा संबंधों में तनाव देखा गया है। कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर अपने देश में विरोधियों की हत्या करवाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे, जिसे भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था। इस प्रकरण के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी।