
PM Mark Carney
PM Mark Carney: ओटावा। कनाडा में सत्ता परिवर्तन के साथ ही देश की विदेश नीति और सुरक्षा को लेकर रुख में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पद संभालते ही आतंकवाद के खिलाफ सख्त और स्पष्ट बयान से साफ कर दिया कि अब कनाडा इस मुद्दे पर भारत जैसे देशों के साथ मजबूती से खड़ा रहने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
PM Mark Carney: आतंकवाद का एक गहरा जख्म
प्रधानमंत्री कार्नी ने अपने संबोधन में वर्ष 1985 के एयर इंडिया ‘कनिष्क’ विमान बम विस्फोट को आतंकवाद का एक गहरा जख्म बताते हुए कहा कि यह हादसा केवल भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा के लिए भी एक त्रासदी था। इस हमले में 268 कनाडाई नागरिकों समेत कुल 329 निर्दोष लोगों की जान गई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना उस समय घटी जब विमान लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से सिर्फ 45 मिनट की दूरी पर था। कार्नी ने इस हादसे को कभी न भूलने वाली घटना बताया और पीड़ितों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
PM Mark Carney: भारत ने भी जताई संवेदना
यह बयान ऐसे समय आया है जब एयर इंडिया फ्लाइट 182 हमले की 40वीं बरसी पर कनाडा में कई स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में पीड़ितों के परिजन, सामाजिक कार्यकर्ता और सरकारी अधिकारी मौजूद रहे। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर घटना को याद करते हुए कहा कि “यह विस्फोट आतंकवाद का एक काला अध्याय है, जिससे दुनिया को यह सीख लेनी चाहिए कि आतंक के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी घातक हो सकती है।”
PM Mark Carney: भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़
मार्क कार्नी का यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उनके पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव देखने को मिला था, खासकर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या कार्नी की सरकार इन कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ कोई ठोस और नीतिगत कार्रवाई करेगी? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कनाडा खालिस्तान मुद्दे पर भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेता है, तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मक सुधार देखने को मिल सकता है।