दिल्ली . अमेरिका से डिपोर्ट भारतियों की व्यथा : अमेरिका से डिपोर्ट होकर 104 भारतीय हाथों में हथकड़ी लगाए स्वदेश लौटे ….. अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था.
कहा जा रहा है कि ये लोग भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे, लेकिन इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी. वापस आये तमाम भारतीयों की एक जैसी कहानी है. ऐसे ही करनाल के एक लाल आकाश के परिजनों का दर्द आपसे साझा करते हैं .
अमेरिका से डिपोर्ट भारतियों की व्यथा : दफ़न हुए सपनों का दर्द
अब जब अमेरिका से सैन्य विमान आया, और इस विमान डिपोर्ट हुए भारतीय ही नहीं आए बल्कि कई सपने भी दफन होकर रह गए. हाथों में हथकड़ी लगाए भारत लौटे 104 भारतीयों की अलग- अलग कहानी है. ये सब अपना-अपना अनुभव साझा कर रहे हैं.
कोई बहुत ज्यादा परेशान है तो कोई ठिकाना न होने के चलते अपने रिश्तेदार के घर चला गया . इनको देख कर वही मुहावरा याद आ रहा है कि – आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास .
करनाल के लाल का हाल
ऐसी ही एक दर्द भरी कहानी है करनाल के घरौंडा के कालरों गांव के एक युवक की. 20 साल के आकाश ने देश से बाहर जाने का सपना देखा था . उसने जिद की, और बड़े भाई ने भी उसकी जिद्द के आगे अपनी नहीं चलाई और उसे भेज दिया. आकाश को भेजने के लिए परिवार की जमीन का ढाई एकड़ हिस्सा बेच दिया.
65 लाख एजेंट को दिए और 6 से 7 लाख का खर्च अलग से
आकाश को अमेरिका भेजने के लिए एजेंट से 65 लाख के खर्च पर बात हुई और 6 से 7 लाख रुपये का खर्च अलग से आया. आकाश करीब 10 महीने पहले गया और 26 जनवरी को उसने मैक्सिको की दीवार फांदी, जिसके बाद वो यूएसए में पहुंच गया था,
लेकिन यहीं वह पकड़ा गया. दरअसल, डंकी रूट के दो रास्ते होते हैं , एक सीधा मैक्सिको और उसके बाद दीवार फांदकर अमेरिका. दूसरा रास्ता है, कई देशों से फ्लाइट, टैक्सी , कैंटर, बस, जंगल, समुद्र, पार करते हुए जाना. एजेंट ने आकाश
के परिवार से उसे सीधे मैक्सिको पहुंचाने के लिए पैसे लिए थे पर उसे भेजा गया दूसरे रास्ते से. आकाश के भाई ने कुछ वीडियो भी दिखाए जो कि जंगलों के थे. ये वो रास्ते थे जिनसे आकाश को गुजरना पड़ा था.
दीवार फांदकर अमेरिका पहुंचा और पकड़ा गया
26 जनवरी को आकाश से परिवार की आखिरी बार बात हुई जब वो मैक्सिको की दीवार कूदकर अमेरिका पहुंचा था क्योंकि उसे वहां चौकी में पकड़ लिया गया. इसके कुछ समय बाद उसे रिमांड का डर दिखाकर डिपोर्ट वाले कागजात पर साइन करवा लिए गए.
आकाश के भाई शुभम को बुधवार दोपहर को पता चला कि उसका भाई वापस आ रहा है क्योंकि 26 जनवरी के बाद उनकी बात नहीं हुई थी. बुधवार को जब शाम को आकाश का फोन मिलाया गया तो फोन मिल रहा था. उसने बताया कि वो वापस आ रहा है.
कैसे डरावने रास्तों से गुजरा आकाश, भाई ने दिखाया वीडियो
अमेरिका जाने के लिए आकाश का कुल 72 लाख रुपए का खर्चा आया है. डिपोर्ट होने के बाद आकाश सुबह अपने घर पहुंचा और अपने मामा के साथ उनके घर चला गया. आकाश के भाई ने जंगलों के कुछ वीडियो भी दिखाए हैं,
परिवार की हालत बुरी हो गई है. परिवार चाहता है एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई हो और कोई भी डंकी रूट से अमेरिका ना जाए. ऐसे समय में सबको साथ देने की जरूरत है.
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