Plastic Ban: नीलगिरी और कोडईकनाल में ई-पास और प्लास्टिक प्रतिबंध लागू होने के बाद, इन पर्यटन स्थलों पर सभी सीमाओं पर जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। नीलगिरी में आने वाले पर्यटकों को यदि वे 5 लीटर से कम की प्लास्टिक की बोतलें लाते हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। पर्यटकों के लिए वाटर एटीएम भी शुरू किए जा रहे हैं। तमिलनाडु के नीलगिरी में मद्रास हाई कोर्ट ने प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लगाया है और इसे लागू करने के लिए विस्तृत आदेश जारी किया है। पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न नियमों का पालन किया जा रहा है, और यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। पिछले साल से ई-पास प्रणाली भी लागू की गई है।
हाल ही में, वन एवं वन्यजीव संरक्षण से जुड़े एक मामले की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट में हुई थी। न्यायमूर्ति सतीश कुमार और न्यायमूर्ति भारत चक्रवर्ती की पीठ ने नीलगिरी जिला कलेक्टर लक्ष्मी भव्या थानीर की कड़ी निंदा की। कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह बताया गया था कि 93 स्थानों पर स्वचालित पेयजल केंद्र कार्यरत हैं, लेकिन कोर्ट ने पाया कि इनमें से कोई भी जल केंद्र काम नहीं कर रहा था। इस पर कोर्ट ने जिला कलेक्टर से माफी मांगी और कहा कि गलत जानकारी दी गई थी।
Plastic Ban: कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो नीलगिरी में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या सीमित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। कलेक्टर ने कोर्ट को बताया कि स्वचालित पानी के एटीएम में सिक्के, पत्थर या अन्य वस्तुएं डालने के कारण समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, और मशीनें बार-बार बंद हो जा रही हैं। इसके बावजूद, वे एटीएम को सुधारने के लिए बेहतर उपायों पर काम कर रहे हैं, जैसे कि वास्तविक समय डैशबोर्ड या यूपीआई स्कैनिंग की व्यवस्था।
जिला कलेक्टर ने यह भी बताया कि अगर कोई पर्यटक प्लास्टिक की बोतल लेकर आता है, तो उस वाहन के चालक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, यदि पुनः उल्लंघन होता है, तो चालक का लाइसेंस और वाहन जब्त कर लिया जाएगा। न्यायाधीशों ने यह भी आदेश दिया कि यदि पर्यटक प्रतिबंधित प्लास्टिक सामान लाते हैं, तो उनके वाहनों को जब्त किया जाए और परमिट को काली सूची में डाला जाए।
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