Nepal Crisis
Nepal Crisis: नई दिल्ली: नेपाल में जेनरेशन Z के नेतृत्व में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और नेताओं के रिश्तेदारों की विलासितापूर्ण जीवनशैली के खिलाफ आक्रोश सड़कों पर उमड़ पड़ा है। सोशल मीडिया पर शुरू हुआ यह डिजिटल विद्रोह अब हिंसक प्रदर्शनों में बदल गया, जिसके चलते संसद भवन और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। युवाओं ने नेताओं के बच्चों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी की तस्वीरें और वीडियो साझा कर नारे लगाए, “हमारा टैक्स, तुम्हारी रईसी नहीं चलेगी।” सोशल मीडिया पर बैन ने इस आक्रोश को और भड़काया, जो लंबे समय से जमा हताशा का परिणाम है।
Nepal Crisis: नेपाल की राजनीति में परिवारवाद के आरोप गहराते जा रहे हैं। नेपाली कांग्रेस के देउबा परिवार और केपी शर्मा ओली के रिश्तेदारों पर सवाल उठ रहे हैं। उदाहरण के लिए, ओली की रिश्तेदार अंजन शक्य को नेशनल असेंबली सदस्य बनाया गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया, कतर और अन्य देशों में राजदूत नियुक्तियों में नेताओं के करीबियों को तरजीह देने का आरोप है।
Nepal Crisis: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रदर्शनकारियों से शांति और वार्ता की अपील की, वहीं सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल ने जनधन की हानि रोकने और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की गुहार लगाई। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन युवाओं का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा। यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है।
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