
Navratri Special Story
Navratri Special Story : बालोद : आज नवरात्रि के पांचवें दिन हम आपको बालोद जिले के बंजारी धाम लिए चलते हैं जहां माता की कहानी बंजारों से शुरू हुई…. बंजारों ने पहले उसे स्थान को ठिकाना बनाया और फिर वहां अपने पैसे जमीन पर गड़ा कर माता के नाम सौंप कर चले गए।
बालोद जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर जुंगेरा गांव स्थित है…. जहां बालोद राजनांदगांव मुख्य मार्ग पर मां बंजारी का मंदिर है…. ग्रामीण बताते हैं कि लगभग ढाई सौ से 300 साल पहले बंजारों का परिवार व्यापार करने के लिए घूम
रहा था…. इसी दौरान जुंगेरा गांव पहुंचकर वह आराम करने के लिए रुके…. उनके पास व्यापार करने के बाद काफी सारे पैसे थे जिसे रखने के लिए कोई उचित स्थान नहीं मिल रहा था….
Navratri Special Story
तो फिर बंजारों ने जमीन के नीचे अपने पैसे को गड़ा कर उसे दूर के ग्रामीण बुजुर्गों से चर्चा कर वहां पर एक माता की मूर्ति स्थापित कर दी…. और वहां से चले गए।
वहां से बंजारों की टोली आगे बढ़ गई जिसके बाद गांव के बुजुर्गों को कई बार सपना भी आया की बंजारी धाम में काफी सारा धन गड़ा है लेकिन उसे किसी ने नहीं निकला….
ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 1981 तक बंजारी धाम में जिस भी व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती थी वह दीपावली के बाद मेले का आयोजन करते थे….
लेकिन वर्ष 1981 में ग्रामीण युवाओं की ओर से एक समिति गठित की गई तब से लेकर आज तक चैत्र और क्वांर नवरात्रि में ज्योति कलश की स्थापना बंजारी धाम में की जाती है।