
Navratri 2025
Navratri 2025 : पवई : मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र के बनौली कुआं ताल में मां कंकाली का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां देश-विदेश से हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। मंदिर में मां कंकाली की अनूठी प्रतिमा स्थापित है, जो सैया पर लेटी हुई एक बालक को स्तनपान कराती नजर आती हैं, जबकि उनकी दासी पैरों से कांटे निकाल रही है। यह प्रतिमा मां महाकाली का स्वरूप मानी जाती है और देश के अन्य मंदिरों की तुलना में अपनी विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है।
Navratri 2025 : मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
मंदिर के पुजारी के अनुसार, सैकड़ों वर्ष पूर्व बनौली गांव के राय बंधु को स्वप्न में माता के दर्शन हुए। स्वप्न के आधार पर माता की मूर्ति गांव से 2 किलोमीटर दूर एक तालाब में मिली। राय बंधु मूर्ति को भैंसे पर लादकर लाए, लेकिन वर्तमान मंदिर स्थल पर भैंसा रुक गया और आगे नहीं बढ़ा। यहीं माता की मूर्ति स्थापित की गई, और बाद में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। माता की चांदी के वस्त्रों से सजी यह प्रतिमा आज भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
Navratri 2025 : माता के चमत्कार
मां कंकाली के दरबार में भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर से जुड़ी कई चमत्कारिक कहानियां प्रचलित हैं। एक घटना में 40-50 एकड़ में फैले तालाब में डूबा व्यक्ति 2 घंटे बाद भी माता के आशीर्वाद से जीवित निकला। एक अन्य भक्त ने अपनी जीभ काटकर माता को अर्पित कर दी थी, लेकिन माता की कृपा से वह स्वस्थ हो गया। कोरोना काल में भी पवई विधायक प्रहलाद सिंह लोधी माता की कृपा से सुरक्षित रहे और निरंतर उनकी सेवा में लगे रहे।
Navratri 2025 : भव्य मेला और सामाजिक कार्य
चैत्र नवरात्रि में यहां लगने वाला मेला बुंदेलखंड में विख्यात है, जो लगभग एक माह तक चलता है। इस मेले में न केवल स्थानीय, बल्कि अन्य जिलों और राज्यों से भी व्यापारी और श्रद्धालु पहुंचते हैं। पवई विधायक प्रहलाद सिंह लोधी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, और इसे दक्षिण भारतीय मंदिरों की शैली में भव्य रूप दिया गया है। उनके नेतृत्व में सामुदायिक भवन, विशाल आयोजनों की सुविधाएं और कई सामूहिक विवाह समारोहों का आयोजन भी किया गया है।
Navratri 2025 : श्रद्धालुओं का तांता
शारदीय नवरात्रि के दौरान मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ती है। माता के दर्शन और आशीर्वाद के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। पवई विधायक के प्रयासों से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन गया है।