
Navratri 2025 Durga Ashtami
Navratri 2025 Durga Ashtami: नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथियों का विशेष महत्व होता है। इन दोनों दिनों को मां दुर्गा की आराधना का सबसे श्रेष्ठ समय माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 2 से 9 वर्ष की कन्याओं में देवी दुर्गा का स्वरूप होता है। इस कारण महाअष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजन और उन्हें भोजन व उपहार देकर आशीर्वाद लेने की परंपरा है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। उनका वाहन बैल और शस्त्र त्रिशूल है। मान्यता है कि उनकी आराधना से भक्तों को मनचाहा फल प्राप्त होता है। मां महागौरी का यह दिव्य स्वरूप अभय, रूप और सौंदर्य का वरदान देता है।
Navratri 2025 Durga Ashtami: महाअष्टमी 2025 (30 सितंबर, मंगलवार)
पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर की शाम 4:31 बजे होगी और 30 सितंबर की शाम 6:06 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा होती है। इन्हें पवित्रता और उज्ज्वलता की देवी माना गया है। भक्त मानते हैं कि उनकी उपासना से जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त प्रातः 5:01 से 6:13 बजे, 10:41 से 12:11 बजे तथा अभिजीत मुहूर्त 11:47 से 12:35 बजे तक रहेगा।
Navratri 2025 Durga Ashtami: महानवमी 2025 (1 अक्टूबर, बुधवार)
महानवमी नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन होता है। यह मां सिद्धिदात्री की पूजा को समर्पित है। सिद्धिदात्री देवी अपने भक्तों को सिद्धियां और मनोकामनाएं प्रदान करती हैं। इस दिन तिथि 30 सितंबर शाम 6:06 बजे से 1 अक्टूबर शाम 7:00 बजे तक रहेगी। नवमी के दिन कन्या पूजन का पहला मुहूर्त प्रातः 5:01 से 6:14 बजे तक तथा दूसरा मुहूर्त दोपहर 2:09 से 2:57 बजे तक रहेगा।
Navratri 2025 Durga Ashtami: कन्या पूजन की विधि
अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को घर बुलाकर उनके पैर धोएं, माथे पर कुमकुम लगाएं और मां दुर्गा का ध्यान करते हुए उन्हें भोजन कराएं। अंत में दक्षिणा और उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों किया गया कन्या पूजन विशेष पुण्यदायी होता है और देवी दुर्गा की कृपा से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।