
National Doctor's Day 2024
National Doctor’s Day 2024
विकास बघेल, रीवा
National Doctor’s Day 2024 : प्रतिवर्ष 1 जुलाई को “राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण है सुप्रसिद्ध चिकित्सक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारत रत्न (वर्ष 1961) एवं राजनेता डा विधान चन्द्र राय जो वर्ष 1948 से 1962 तक पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे
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National Doctor’s Day 2024 : के जन्म दिवस 1 जुलाई सन 1882 व निधन 1 जुलाई 1962 । “डॉक्टर डे ” डॉक्टर राय की स्मृति और उनके द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में किए गए योगदान जैसे पहले एम्स नई दिल्ली को समर्पित है। इस दिन के माध्यम से आईएमए के सहयोग से हम सभी चिकित्सकों को उनकी मेहनत,
समर्पण और सेवा के लिए सम्मानित करते हैं। भारत में इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी। वर्ष 2024 राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की थीम है “पंख और स्टेथोस्कोप: आशा के उपचारक”। हजारों वर्षों से मरीज और चिकित्सकों का चोली दामन का संबंध रहा है। संसार में डॉक्टर
ही एक ऐसा इंसान है जिसे रोगी आस भरी नजरों से देखता है जैसे वो भगवान से दुआ कर रहा है। पूर्वजों के अनुसार एक मरीज के लिए उसका डॉक्टर किसी फरिश्ता से काम नहीं होता। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। एक चिकित्सक का लक्ष्य होता है
_रोगी की जान की रक्षा करना। एक डॉक्टर की मुस्कुराहट उसकी दवाओं से कहीं ज्यादा असर दिखाती है। स्विस मनोचिकित्सक कार्ल जंग ने बताया कि दवाएं बीमारियों को ठीक कर सकती हैं लेकिन मरीजों को केवल डॉक्टर ही ठीक कर सकता है। चिकित्सा के क्षेत्र में जो प्रमुख
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पद्धतियां रोगियों के इलाज में सहयोगी हैं वह हैं _आयुर्वेद, होम्योपैथी, एलोपैथी, इलेक्ट्रो होम्योपैथी, नेचुरोपैथी आदि। भारत में इन सभी पद्धतियों का सम्मान है। किंतु जब व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित होता है तो वह विशेषज्ञता के अनुसार एलोपैथी इलाज पद्धति को प्राथमिकता देता है।
चिकित्सक के गुण :-
एक रोगी की भावना “हमें ईश्वर ने बनाया है, मां ने पैदा किया और डॉक्टर ने बचाया है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति न होगी। मरीज के संपूर्ण स्वास्थ्य हेतु, एक चिकित्सक में जो गुण होना चाहिए वह है एक अच्छा श्रोता, मिलनसार, अपने रोगियों के प्रति करुणा व सहनुभूति रखने वाला,
सहज व धैर्यवान, मरीज की गोपनीयता का सम्मान, रोगी को सटीक जानकारी देना, ज्ञान व विशेषज्ञता, समय में उपलब्धता, मरीज पर पूरा
ध्यान देना, मरीज की उच्चतम स्तर की देखभाल, सीखने व सुधार की इच्छा शक्ति, विभिन्न सेवा प्रदाताओं नर्स व पैरा मेडिकल स्टाफ का नेतृत्व करना आदि। चिकित्सक का दायित्व है
_ मां के पेट में बच्चे के जन्म से वृद्धावस्था तक लोगों को बार-बार जीने का अवसर प्रदान करें। पीड़ित व्यक्ति समय में निर्णय ले कि उसे किस विशेषज्ञता के चिकित्सक से अपनी बीमारी का इलाज करना है।
चिकित्सक के दायित्व :-
इंजीनियर व चिकित्सक में एक बड़ा अंतर होता है कि इंजीनियर निर्जीव के साथ कार्य करते हैं जबकि चिकित्सक व्यक्ति के जीवन के साथ, साथ ही चिकित्सक 24 घंटे रोगी की सेवा के लिए समर्पित होते हैं। डॉक्टर कोई मैकेनिक नहीं होता। कार में दिमाग नहीं होता, मरीज में दिमाग होता है।
चिकित्सक को हिपोक्रेटिक शपथ के माध्यम से उपचार, दायित्व और नैतिकता की शपथ लेते हैं, उनका शब्दशः पालन करना चाहिए। हिप्पोक्रेट्स के अनुसार लोग अपने जीवन में अपनी दिनचर्या इस प्रकार रखें कि उन्हें दवा की आवश्यकता ना पड़े।
यानी कि जो हमारे बुजुर्गों ने कहा है इलाज से अच्छा बचाव है। कनाडाई चिकित्सक विलियम ओसलर की यदि मानें तो उनके अनुसार अच्छा चिकित्सक रोग का इलाज करता है, महान चिकित्सक उस रोगी का इलाज करता है, जो रोग से ग्रस्त है।
सामान्यतया चिकित्सकों की अनुपलब्धता रोगियों के इलाज में बाधक है ,के परिपेक्ष्य में कहावत है”डॉक्टर की उपस्थिति ही इलाज की शुरुआत है” । डॉक्टर_ मरीज के पवित्र रिश्तों को लेकर हिस्पेनिया के दार्शनिक लूसियस सेनेका ने चिंतन किया है “लोग डॉक्टर को परेशानी दूर करने के लिए भुगतान करते हैं, उसकी दया के कारण वह अब भी उसके ऋणी है”।
भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था:-
विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला भारत देश (145 करोड़) विकासशील देश है। जहां एक ओर तेजी से मेडिकल हब बन रहा है वहीं दूसरी और कुपोषण से कैंसर जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। देश के बजट में जीडीपी मात्र दो प्रतिशत स्वास्थ्य के लिए निश्चित है जबकि अन्य
विकसित देश में यह 7% से भी अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर 1 हजार की जनसंख्या में एक चिकित्सक होना चाहिए, जबकि भारत में 11 हजार पर एक चिकित्सक है। वहीं ऑस्ट्रेलिया में 5.5, ब्रिटेन में 3.2, यूएसए में 3.6, चीन में 2.4 है। देश में एक स्वास्थ्य केंद्र 55 हजार की
जनसंख्या में है। भारत देश में 5 लाख चिकित्सकों व 83% विशेषज्ञों की कमी है। भारत के 75 हजार डॉक्टर(कुल संख्या का 7 %) विदेशो में ज्यादा वेतनमान, बेहतर सुविधाएं व अधिक सम्मान के कारण कार्यरत हैं। देश में 90% चिकित्सक निजी क्षेत्र में स्वयं का नर्सिंग होम व निजी अस्पताल है।
अपेक्षाएं :-
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 01 जुलाई के अवसर पर आईएमए के नेतृत्व में चिकित्सकों को मेहनत, सेवा व समर्पण हेतु उन्हें सम्मान देने हेतु व धन्यवाद ज्ञापित करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन हो, जिसमें समस्त जन प्रतिनिधि, समाजसेवी संगठन, मरीज का प्रतिनिधि मंडल सम्मान
समारोह में शामिल हो। डॉ बी .सी .राय को सच्ची श्रद्धांजलि हेतु रक्तदान शिविरों का आयोजन, पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण, धूम्रपान रोकने हेतु जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन हो। वैश्विक महामारी कोरोना वर्ष 2021 के दौरान देश के 16 सौ से अधिक चिकित्सकों की मृत्यु
हुई उनके सेवा के दौरान उन चिकित्सकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित किया जाय। भारत शासन एवं राज्य शासन से अपेक्षा है कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में “समस्त को स्वास्थ्य” की परिकल्पना हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाए, व चिकित्सकों, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ के पद पूर्ति किया जाए व उन्हें बेहतर वेतनमान व सुविधाएं मुहैया कराया जाये।
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