
Narayanpur Naxal Encounter: नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के बाद भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और माओवादी सामग्री बरामद की गई है। बस्तर क्षेत्र में पहली बार माओवादियों से भारत में निर्मित त्रिची असॉल्ट राइफल जब्त की गई है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इसकी पुष्टि की है।
Narayanpur Naxal Encounter: 5 दिनों में कई बार मुठभेड़
जानकारी के अनुसार 24 अगस्त को वरिष्ठ नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्य बल, और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 38वीं, 41वीं और 45वीं बटालियनों की संयुक्त टीम ने कासोद, कुमुराडी, मडोडा, खोडपार और गट्टाकल गांवों के जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया था। 5 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई। कोहकामेटा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक जंगली पहाड़ी पर माओवादियों के माड डिवीजन के सदस्यों के साथ गोलीबारी हुई। मुठभेड़ स्थल पर खून के धब्बे और घसीटने के निशान मिले, जिससे अनुमान है कि कई नक्सली घायल हुए होंगे।
Narayanpur Naxal Encounter: मुठभेड़ स्थल से बरामद नक्सली सामग्री
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद 300 से अधिक वस्तुएं बरामद कीं, यहां देखें लिस्ट:.
1 लाइट मशीन गन
1 त्रिची असॉल्ट राइफल (बस्तर में पहली बार बरामद)
1 सेल्फ लोडिंग राइफल
1 इंसास राइफल
1 स्टन गन
1 51 मिमी मोर्टार
1 9 मिमी पिस्तौल
1 देसी पिस्तौल
8 बैरल ग्रेनेड लांचर
3 .303 राइफल
4 12 बोर राइफल
49 थूथन लोडिंग बंदूकें
10 .315 बोर राइफल गोलियां
100 बीजीएल गोले
8 देसी ग्रेनेड
1 हथगोला कॉर्डेक्स तार के 2 बंडल
141 सुरक्षा फ्यूज बंडल जीपीएस डिवाइस, डेटोनेटर, रिमोट स्विच, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और अन्य माओवादी सामान।
Narayanpur Naxal Encounter: त्रिची असॉल्ट राइफल की बरामदगी:
आईजी बस्तर रेंज बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि त्रिची असॉल्ट राइफल का बस्तर में माओवादियों से बरामद होना पहली घटना है। यह हथियार आमतौर पर सुरक्षा बलों द्वारा उपयोग किया जाता है और संभवतः अतीत में नक्सलियों द्वारा लूटा गया होगा। हथियार के स्रोत का पता लगाने के लिए डेटाबेस सत्यापन जारी है।
आईजी सुंदरराज ने कहा कि लगातार बारिश और उफनती नदियों के बावजूद अबूझमाड़ में चलाए गए इस अभियान ने माओवादियों को मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक झटका दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अभियान माओवादियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि अबूझमाड़ का कोई भी हिस्सा उनके लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि उनके ठिकाने तेजी से सिकुड़ रहे हैं।