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MP News: भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस ने एक अनूठा और प्रेरणादायक निर्णय लिया है। अब राज्य के पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों (PTS) में प्रशिक्षु आरक्षकों को हर रात रामचरितमानस का पाठ कराया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पुलिस जवानों में नैतिक मूल्यों और अनुशासन की भावना को मजबूत करना है।
वनवास से अनुशासन की शिक्षा
प्रदेश के प्रशिक्षण एडीजी राजा बाबू सिंह ने जानकारी दी कि भगवान राम के वनवास से प्रेरणा लेते हुए ट्रेनी पुलिसकर्मियों को संघर्ष, त्याग और अनुशासन के पाठ सिखाए जाएंगे। एडीजी ने कहा कि राम के जीवन प्रसंगों से ट्रेनी आरक्षक यह सीखेंगे कि समाज सेवा और कर्तव्य के मार्ग पर चलने के लिए किस तरह से संयम और धैर्य आवश्यक हैं।
गृह क्षेत्र की मांग के बाद लिया गया निर्णय
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कई ट्रेनी आरक्षक अपने गृह जिलों के पास प्रशिक्षण केंद्र की मांग कर रहे थे। एडीजी सिंह ने बताया कि भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा पर 14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया, उसी भावना से प्रशिक्षुओं को भी 9 महीने के प्रशिक्षण के दौरान संयम और समर्पण के साथ रहना चाहिए।
ई-पुलिस और आपराधिक कानूनों पर फोकस
राजा बाबू सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस के 8 प्रशिक्षण केंद्रों में 4,000 नए आरक्षकों के लिए 9 माह का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इस दौरान नए आपराधिक कानूनों और डिजिटल पुलिसिंग को लेकर भी विशेष पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।
प्रशिक्षुओं ने किया निर्णय का स्वागत
प्रशिक्षु जिशान शेख ने कहा, “भगवान राम ने त्याग और अनुशासन का जीवन जिया, हम भी 9 महीने अपने परिवार से दूर रह सकते हैं। मैं धर्मनिरपेक्ष भारत का नागरिक हूं और रामचरितमानस का पाठ करने में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि यह हमें प्रेरणा देता है।” वहीं प्रशिक्षु रवि कुमार तिवारी ने कहा, “रामचरितमानस की चौपाइयों से हमें समाज सेवा की प्रेरणा मिलती है। एडीजी का यह निर्णय गर्व की बात है।”
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