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MP News : सागर। बुंदेलखंड की लोककला के पुरोधा और पद्मश्री सम्मानित राई नृत्य के दिग्गज रामसहाय पांडे का मंगलवार 8 अप्रैल 2025 की सुबह 5 बजे लंबी बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों का हुजूम उमड़ा, जिन्होंने नम आंखों से अपने इस सांस्कृतिक गौरव को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
MP News : राई नृत्य के साथ अनूठी विदाई-
पांडे की अंतिम यात्रा उनके घर से मुक्तिधाम तक बेहद भावुक और पारंपरिक रही। उनके शिष्यों ने शव यात्रा के आगे राई नृत्य प्रस्तुत कर अपने गुरु को अनोखी विदाई दी, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। यह नृत्य उस कला का प्रतीक था, जिसे पांडे ने 60 साल तक संजोया और विश्व पटल पर पहचान दिलाई। यात्रा में राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी और शहर की जानी-मानी हस्तियों के साथ-साथ आम जनता की भारी भीड़ शामिल हुई।
MP News : मुख्यमंत्री ने जताया शोक-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गहरा दुख जताते हुए लिखा, पद्मश्री रामसहाय पांडे का निधन लोक संस्कृति के एक युग का अंत है। उनकी कला ने राई नृत्य को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया। यह अपूरणीय क्षति है। उनके इस संदेश ने पांडे के योगदान को रेखांकित किया।
MP News : बुंदेली परंपराओं में लिपटी विदाई-
92 वर्षीय पांडे का अंतिम संस्कार बुंदेली परंपराओं के साथ कनेरा देव गांव में किया गया। उनकी मृत्यु ने न केवल एक कलाकार का अंत किया, बल्कि बुंदेलखंड की सांस्कृतिक अस्मिता के एक मजबूत स्तंभ को भी ढहा दिया। उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब इस बात का गवाह बना कि उन्होंने अपनी कला से कितने दिलों को छुआ था। यह विदाई न सिर्फ एक शख्सियत की, बल्कि एक जीवंत परंपरा की यादों को भी ताजा कर गई।