
MP News : खंडवा। खंडवा के बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हरजिंदर सिंह पर आरोप है कि वह नाबालिग अपचारियों के लिए खाना बनाने वाली अस्थाई महिला कर्मचारी ज्योति पाल से हर महीने 2000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। लोकायुक्त की इंदौर टीम ने मंगलवार 12 अगस्त को अधीक्षक को 4000 रुपये (दो महीने की रिश्वत) लेते हुए उनके कार्यालय में ही धर दबोचा।
MP News : महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत ज्योति पाल ने लोकायुक्त अधीक्षक कार्यालय, इंदौर में शिकायत दर्ज कराई थी कि अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा उसे काम से हटाने की धमकी देकर हर महीने 2000 रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। ज्योति को बाल संप्रेक्षण गृह में खाना बनाने के लिए 12,000 रुपये मासिक वेतन मिलता है। शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और हरजिंदर सिंह को 4000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
MP News : दो साल पहले भी रिश्वतखोरी का आरोप-
ज्योति पाल ने बताया कि हरजिंदर सिंह अरोरा दो महीने पहले ही ट्रांसफर होकर दोबारा खंडवा आए हैं। इससे पहले, दो साल पहले जब वे यहां पदस्थ थे, तब भी वे हर महीने 2000 रुपये रिश्वत लेते थे। उस समय ज्योति का वेतन केवल 9000 रुपये था। उनकी इस रिश्वतखोरी की आदत ने महिला कर्मचारी को शिकायत करने के लिए मजबूर किया।
MP News : भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई-
लोकायुक्त पुलिस ने हरजिंदर सिंह अरोरा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
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