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MP News: भोपाल: मध्यप्रदेश जल्द ही भारतीय सेना के शक्तिशाली टी-90 और टी-72 टैंकों की रिपेयरिंग का प्रमुख केंद्र बनेगा। केंद्रीय रक्षा संयुक्त सचिव गरिमा भगत ने भोपाल में डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स की बैठक में बताया कि जबलपुर, कटनी, इटारसी और सागर के बीच डिफेंस कॉरिडोर की अपार संभावनाएं हैं। जबलपुर में टैंक रिपेयरिंग हब के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।
MP News: उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को जबलपुर में एमएसएमई कॉन्क्लेव आयोजित होगा। जबलपुर में व्हीकल फैक्ट्री और गन कैरिज फैक्ट्री पहले से मौजूद हैं, जहां टी-90 (भीष्म) और टी-72 टैंकों की मरम्मत का प्रस्ताव है। ये रूसी मूल के टैंक भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक हैं, जिन्हें लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। टी-90 विश्व के सबसे घातक टैंकों में से एक है, और टी-72 इसका अपग्रेडेड संस्करण है। इनमें अब 1000 एचपी के इंजन लगाए जा रहे हैं।
MP News: जबलपुर में प्रस्तावित मेंटेनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन सेंटर दिल्ली और चेन्नई के बाद देश का तीसरा बड़ा टैंक ओवरहॉल सेंटर होगा। जबलपुर पहले से ही डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब है, जहां 1904 से हथियार, बुलेटप्रूफ वाहन और गोला-बारूद बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दे रही है।